डीसी-एसपी-एमसी कमिश्नर तलब

शिमला में छात्रों की सेफ्टी-टै्रफिक पर हाई कोर्ट के आदेश

शिमला –शिमला शहर में सड़क के साथ स्थित  स्कूलों के छात्रों की सेफ्टी और ट्रैफिक समस्या से निजात पाने के लिए प्रदेश हाई कोर्ट ने नगर निगम आयुक्त शिमला, निदेशक टाउन एंड कंट्री प्लानिग, डीसी शिमला, एसपी शिमला और लोक निर्माण विभाग के मुख्य अभियंता को अदालत के समक्ष 27 जून को तलब किया है। प्रदेश हाई कोर्ट के पिछले आदेशों की अनुपालना करते हुए मंगलवार को सेंट एडवर्ड ने अपने हल्फनामे के जरिए अदालत को बताया कि स्कूल प्रशासन ने वर्ष 2014 को नगर निगम से पार्किंग के लिए अनुमति मांगी थी, लेकिन अब उन्होंने स्कूल के अंदर पार्किंग बना ली है। यहां पर टैक्सी, मैक्सी कैब स्कूली बच्चों को उतारती और चढ़ाती हैं। ऑकलैंड स्कूल ने अपने शपथ पत्र के माध्यम से अदालत को बताया कि स्कूल के सामने लोक निर्माण विभाग का बिल्डिंग मैटीरियल और कोलतार के ड्रम रखे गए हैं। यदि उन्हें हटा दिया जाए, तो इस जगह को बच्चों के उतारने और चढ़ाने के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है। इसी तरह ताराहाल और लोरेटो स्कूल ने पार्किंग की मांग की है। कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश धर्मचंद चौधरी  और न्यायाधीश ज्योत्स्ना रेवाल दुआ की खंडपीठ ने स्कूली छात्रों की सेफ्टी के बारे में जनहित में दायर याचिका की सुनवाई के दौरान यह आदेश पारित किए। गौरतलब है कि शिमला में स्कूल टाइम में पूरा शहर जाम हो जाता है। यही स्थिति शाम को ऑफिस से छुट्टी के समय पर होता है। हाई कोर्ट ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए सेंट एडवर्ड, कान्वेंट ऑफ़ जीजस एंड मैरी, तारा हॉल, ऑकलैंड हाउस स्कूल और डीएवी स्कूल न्यू शिमला के प्रिंसीपलों को सुझाव देने के आदेश पारित किए थे। अब कोर्ट ने उक्त अधिकारियों को मामले की आगामी सुनवाई के दौरान अदालत के समक्ष उपस्थित रहने के आदेश दिए हैं।