नई आईटी पॉलिसी-2019 मंजूर

13 वर्ष बाद नीति में व्यापक संशोधन, नए सिरे से बनेंगे नियम

शिमला —प्रदेश की जयराम सरकार ने आईटी पॉलिसी 2019 को मंजूरी दे दी है। सरकार ने 13 साल बाद नीति में व्यापक संशोधन किया है। नई पॉलिसी लागू होने से प्रदेश में सूचना एवं प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में बेहतर निवेश हो सकता है। पूर्व में कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में आईटी पॉलिसी में संशोधन के लिए तीन बार ड्राफ्ट में बदलाव किया थे, लेकिन लागू करने में असफल रही। नई पॉलिसी में केंद्र सरकार की डिजिटल इंडिया स्कीम के तहत नए सिरे से नियम बनेंगे। वर्तमान में केंद्र की ओर से मिलने वाली राशि 90ः10 का रेशो जारी है और इसी के आधार पर ही आई के क्षेत्र में प्रदेश में विकास कार्य होंगे। आईटी विभाग ने सॉफ्टवेयर टेक्नॉलॉजी पार्क ऑफ इंडिया (एसटीपीआई) के पूर्व निदेशक एवं केंद्रीय प्रमुख रजनीश अग्रवाल से नई पॉलिसी के लिए ड्राफ्ट तैयार करने में सहयोग मांगा था। प्राप्त जानकारी के मुताबिक आईटी पॉलिसी में प्रदेश की सभी पंचायतों को लोकमित्र केंद्रों से जोड़ने एवं गांव-गांव में सरकारी कागजातों को ऑनलाइन करने की सुविधा मिलेगी। पॉलिसी लागू होने के बाद प्रदेश की सभी पंचायतों को लोकमित्र केंद्रों से जोड़ दी जाएगी। ई-सुशासन के माध्यम से पारदर्शिता और जवाब देही सुनिश्चित बनाने के लिए डिजिटल इंडिया प्रोग्राम के तहत हर पंचायत में ऑनलाइन सेवाएं मिलेंगी।

रोजगार के अवसर

आईटी पॉलिसी के अंतर्गत नामी आईटी कंपनियां हिमाचल में निवेश करेगी। ऐसे में कई आईटी कंपनियां खुलेंगी। कंपनियों में राज्य के युवाओं को रोजगार प्राप्त होगा, वहीं स्वरोजगार की दृष्टि से कंपनियों के समीप होटल और रेस्तरां भी खोले जा सकेंगे। आईटी कंपनियों में 80 प्रतिशत कर्मी हिमाचलवासी होंगे।