मनोहर लाल खट्टर सरकार जुलाई के पहले हफ्ते में लागू कर सकती है न्यू पॉलिसी, नहीं करना पड़ेगा इंतजार
पंचकूला -शिक्षा नीति 2019 तैयार करने में भले ही लंबा वक्त लगा है, लेकिन इसको लागू करने में सरकार कतई लंबा इंतजार नहीं कराएगी। इसे लेकर तैयारी तेज कर दी गई है। जल्दी से सुझाव लेकर सरकार इसे लागू करने के मूड में है। नई शिक्षा नीति में अब 12 तक की शिक्षा को दायरे में लिया जा सकता है। फिलहाल तय योजना के तहत इसे जुलाई के पहले हफ्ते में ही अंतिम रूप देकर लागू कर दिया जाएगा। नई शिक्षा नीति बनाने का काम वर्ष 2015 में शुरू किया गया था। मोदी सरकार ने अपने एजेंडे में इसे प्रमुखता से शामिल किया था। इस बीच, सरकार ने नई शिक्षा नीति के ड्राफ्ट को लेकर आ रहे सुझावों पर भी काम शुरू कर दिया है। प्रत्येक सुझावों को गंभीरता से परखा जा रहा है। इन सुझावों पर प्रधानमंत्री कार्यालय की भी पैनी नजर है। सुझावों के लिए हालांकि अंतिम तारीख 30 जून की है। बावजूद इसके नई शिक्षा नीति का ड्राफ्ट तैयार करने वाली कमेटी इसे लेकर मिल रहे हर दिन के सुझावों को सूचीबद्ध करने और परखने में जुटी है। नई शिक्षा नीति लागू करने को लेकर सरकार की दिलचस्पी इसलिए भी है, क्योंकि यह नई सरकार के सौ दिन के कामकाज के एजेंडे में शामिल है। यही वजह है कि नई सरकार के गठन के तुरंत बाद नई शिक्षा नीति के ड्राफ्ट को जारी किया गया। हालांकि इसके जारी होते ही भाषा जैसे मुद्दों को लेकर विरोध के सुर भी उठे, लेकिन सरकार ने इसके तूल पकड़ने से पहले ही पूरी स्थिति स्पष्ट करके उसे ठंडा कर दिया। सरकार ने साफ किया है कि वह नई शिक्षा नीति के जरिए किसी पर कुछ थोपने नहीं जा रही है। खास बात यह है कि नई शिक्षा नीति को लेकर शुरू से ही विरोध के सुर उठते रहे हैं। यही वजह है कि सरकार अब तक इसे आगे बढ़ाने से बचती रही है। हालांकि इस सब के बीच नीति के ड्राफ्ट को तैयार में जुटी टीम के एक वरिष्ठ सदस्य ने बताया कि नीति में विवाद जैसा कुछ नहीं है। नीति पूरे वैज्ञानिक नजरिए से तैयार की गई है। वहीं शिक्षकों का कहना है की इस नीति का मसौदा बनाने मे किसी टीजीटी या पीआरटी को शामिल ही नहीं किया गया।