बंगाल में बड़ी कार्रवाई की आहट

प्रधानमंत्री मोदी-अमित शाह से मिले गवर्नर, ममता बनर्जी बेचैन

नई दिल्ली –पश्चिम बंगाल में चुनाव के बाद राजनीतिक हिंसा पर जारी सियासी तूफान सोमवार को दिल्ली तक पहुंच गया। पश्चिम बंगाल के राज्यपाल केशरीनाथ त्रिपाठी ने सोमवार सुबह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की। सूत्रों के अनुसार श्री त्रिपाठी ने गृह मंत्री को राज्य में राजनीतिक हिंसा और मौजूदा हालात पर 48 पेज लंबी रिपोर्ट सौंपी है। हालांकि, गृह मंत्री से मुलाकात के बाद त्रिपाठी ने इसे महज शिष्टाचार भेंट करार दिया। गवर्नर त्रिपाठी ने कहा कि उन्होंने बस राज्य की स्थिति के बारे में पीएम और गृह मंत्री को अवगत कराया। इसी बीच राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भाजपा पर बंगाल में हिंसा फैलाने और उनकी सरकार को गिराने की साजिश रचने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि वह किसी को भी अपनी सरकार को गिराने नहीं देंगी। इससे पहले पश्चिम बंगाल में कानून और व्यवस्था की बिगड़ती स्थिति को लेकर एडवाइजरी जारी करने के एक दिन बाद गृह मंत्री अमित शाह ने सोमवार को आंतरिक सुरक्षा के मसले पर उच्चस्तरीय बैठक की। बैठक में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल भी मौजूद थे। माना जा रहा है कि बैठक में बंगाल में राजनीतिक हिंसा पर खास चर्चा हुई। बैठक खत्म होने के बाद पश्चिम बंगाल के गवर्नर केशरीनाथ त्रिपाठी ने गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की। गवर्नर केशरीनाथ त्रिपाठी ने इस बात की पुष्टि की कि वह सूबे में शांति व्यवस्था कायम करने के लिए एक सर्वदलीय बैठक का प्रस्ताव रखने जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि वह सभी को कॉल करेंगे। त्रिपाठी ने कहा कि अगर बैठक में सीएम ममता बनर्जी शामिल होना चाहती हैं तो उनका बहुत स्वागत है। गृह मंत्री और बंगाल के राज्यपाल की मुलाकात काफी महत्त्वपूर्ण थी, क्योंकि भाजपा के पश्चिम बंगाल प्रभारी कैलाश विजयवर्गीय समेत कई नेता सूबे में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग कर चुके हैं। विजयवर्गीय ने कहा है कि हालात नहीं सुधरे तो पार्टी राष्ट्रपति शासन की मांग करेगी। भाजपा सांसद सौमित्र खान ने भी राज्य में अनुच्छेद 356 का इस्तेमाल करते हुए ममता सरकार को बर्खास्त करने की मांग की है।

किसी को अपनी सरकार अस्थिर नहीं करने दूंगी

हावड़ा। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ने सोमवार को हावड़ा में राज्य स्तर की प्रशासनिक बैठक की। बैठक में मंत्री और सीनियर पुलिस अधिकारी भी शामिल रहे। बैठक के बाद उन्होंने मीडिया से बात करते हुए केंद्र की भारतीय जनता पार्टी पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने तीखे लहजे में चेतावनी भी दे डाली कि वह किसी पार्टी को अपनी सरकार गिराने नहीं देंगी। उन्होंने कहा कि राज्य में चुनाव अब 2021 में ही होंगे। दरअसल, राज्य में हिंसा के चलते भाजपा राष्ट्रपति शासन की मांग कर रही है, जिस पर ममता ने यह जवाब दिया है।