यमुना के गंदे पानी पर नोटिस

हरियाणा के सिंचाई-जल संसाधन विभाग की रिपोर्ट का खुलासा

पंचकूला -दिल्ली और दक्षिणी हरियाणा को पेयजल एवं सिंचाई का पानी देने वाली पश्चिमी यमुना नहर में प्रति सेकंड 2800 घरेलू गंदा पानी जा रहा है। सिंचाई व जल संसाधन विभाग द्वारा यमुना निगरानी कमेटी को भेजी गई रिपोर्ट में इस बात का खुलासा किया गया है। यह रिपोर्ट भेजे जाने के बाद सिंचाई विभाग ने यमुनानगर नगर निगम, जगाधरी नगर कमेटी, रादौर, जगाधरी व छछरौली के खंड विकास और पंचायत अधिकारी एवं जनस्वास्थ्य विभाग के अधिशांसी अभियंता को नोटिस भेजे गए हैं। दादूपुर जलसेवा खंड के अधिशांसी अभियंता हरदेव कांबोज ने हरियाणा कैनाल एंड ड्ेनेज एक्ट 1974 की धारा 58 के तहत इन अधिकारियों को दूसरी बार नोटिस जारी किया गया है। नोटिस में घरेलू गंदा पानी नहर में जाने से रोकने को कहा गया है। सिंचाई विभाग ने यह देखा था कि यमुनानगर जिले के शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों में 19 स्थानों पर घरेलू गंदा पानी एवं सीवेज ट््ीटमेंट प्लांट का पानी नहर में जा रहा है। यमुनानगर की उपायुक्त अमना तस्नीम के अनुसार मामले को गंभीरता से लिया जा रहा है और गंदा पानी नहर में जाने से रोकने के लिए और अधिक सीवेज ट्ीटमेंट प्लांट लगाए जाएंगे। अभी नहर में 17000 क्यूसेक्स पानी छोड़ा जा रहा है। आगामी एक जुलाई से 18000 क्यूसेक्स पानी छोड़ा जाएगा। तब नालों का पानी लौटकर आसपास के क्षेत्रों को प्रभावित करेगा। इसलिए संबंधित विभागों को कहा गया है कि नहर में गंदा पानी जाने से रोका जाए।