सही समय पर इलाज बचाए ब्रेन ट्यूमर से

पंचकूला में पारस अस्पताल के विशेषज्ञ बोले, जागरूकता में कमी ले सकती है जान

चंडीगढ़ – ‘वर्ल्ड ब्रेन ट्यूमर डे’ पर ब्रेन टयूमर के बारे लोगों को जागरूक करने के उद्देश्य से स्थानीय पारस अस्पताल के सर्जिकल न्यूरोलॉजी माहिरों के अनुसार सिर्फ  भारत में हर वर्ष 40 से 50 हजार ब्रेन ट्यूमर के केस सामने आते हैं। मीडिया से रू-ब-रू होते हुए पारस अस्पताल पंचकूला के न्यूरो एंड स्पाइन सजर्री के सहायक डायरेक्टर डा. अनिल ढींगरा, न्यूरो सर्जरी कंस्लटेंट डा. अजय बिशट तथा न्यूरो एनसथीसिया की कंस्लटेंट डा. सोनिया कपिल ने बताया कि आधुनिक युग में बदली जीवन शैली के कारण पूरी दुनिया में ब्रेन ट्यूमर की घातक बीमारी पैर पसारती जा रही है। एक अंदाजे के अनुसार रोज करीब 500 केस सामने आ रहे हैं। वर्ष 2000 में जर्मन ब्रेन ट्यूमर एसोसिएशन की पहल से आठ जून को ‘वर्ल्ड ब्रेन ट्यूमर डे’ मनाकर आम लोगों को जागरूक किया जा रहा है, क्योंकि यदि जागरूक व्यक्ति ब्रेन ट्यूमर के प्राथमिक लक्षणों को पहचानकर समय पर इलाज शुरू करवा लेता है, तो जिंदगी जानलेवा खतरे से बच सकती है।  इस मौके पर डा. अनिल ढींगरा ने बताया कि ब्रेन ट्यूमर एक ऐसी बीमारी है, जो शरीर के समूह नाड़ी तंत्र को प्रभावित या नकारा कर देती है। समय पर पहचान तथा इलाज न होने की सूरत में ब्रेन ट्यूमर कैंसर सहित कई जानलेवा बीमारियों की जड़ बन जाता है। शुरूआती समय में छोटे आकार वाले ब्रेन टयूमर को रेडियोथैरेपी से ठीक किया जा सकता है, जबकि ब्रेन ट्यूमर को आप्रेशन (सर्जरी) के साथ ही सफलतापूर्वक निकाला जा सकता है। ब्रेन ट्यूमर के प्राथमिक लक्षणों के बारे डा. ढींगरा ने बताया कि बार-बार सिर दर्द करना, सिर चकराना, स्मरण शक्ति घटना, चाल लड़खड़ाना, किसी एक या ज्यादा अंगों में कमजोरी या कंपन होना या मुंह टेड़ा होना या आधे शरीर को लकवा होना सहित नजर, सुनने, बोलने में गड़बड़ी ब्रेन ट्यूमर के प्राथमिक लक्षणों में शुमार है।