सेटेलाइट संपर्क से दूर पांगी-बड़ा भंगाल

शिमला में आपदा प्रबंधों पर मॉकड्रिल, विपदा में गच्चा दे जाएगा नेटवर्क

शिमला —मानसून के दौरान आपदा प्रबंधों में बड़ा भंगाल तथा पांगी पूरी दूनिया से अलग-थलग हो गए। इससे स्पष्ट हो गया कि आपात स्थिति में कांगड़ा तथा चंबा के इन दोनों क्षेत्रों में संचार व्यवस्था गच्चा दे जाएगी। असल में मानसून के दौरान संचार व्यवस्था की पड़ताल के लिए मंगलवार को राजधानी से प्रदेश भर में संपर्क साधा गया। इस दौरान 62 क्षेत्रों में सेटेलाइट से संपर्क किया गया। खास है कि पांगी तथा बड़ा भंगाल को छोड़कर सभी क्षेत्र संचार सुविधा से जुड़ गए। यह मॉकड्रिल मंगलवार को प्रधान सचिव (राजस्व एवं आपदा प्रबंधन) ओंकार चंद शर्मा की निगरानी में की गई। इस अवसर पर ओंकर चंद शर्मा ने कहा कि गत वर्ष मानसून व बर्फबारी के दौरान संचार व्यवस्था बुरी तरह से प्रभावित हुई थी। उन्होंने कहा कि अनुभवों से सीख लेते हुए आपातकालीन सुधार के लिए और अधिक सेटेलाइट फोन्स की सुविधा जोड़ी गई है। राज्य के पास अब कुल 65 सेटेलाइट फोन हैं, जिसमें से आपदा प्रबंधन विभाग के पास राज्य, जिला मुख्यालय और दुर्गम क्षेत्रों, उपखंड काजा, उदयपुर, पांगी तथा किनौर के सात जनजातीय स्थानों में 28 सेटेलाइट फोन उपलब्ध करवाए गए हैं, जबकि पुलिस विभाग को 37 आइसेट्स उपलब्ध करवाए गए हैं। मॉकड्रिल का आयोजन सुबह 11 बजे से दोपहर एक बजे तक किया गया, जिसमें सभी आईसैट फोन के अलग-अलग स्थानों पर कॉल किया गया तथा मॉकड्रिल की विस्तृत रिपोर्ट भी तैयार की गई। निदेशक व विशेष सचिव (राजस्व-आपदा प्रबंधन), डीसी राणा, हिमाचल प्रदेश पुलिस अधीक्षक (सीटीएस) राजेश वर्मा, बीएसएनएल के डीजीएम आरपी सिंह और टेलिकम्युनिकेशन विभाग के एडीजी (सुरक्षा) संजीव मीना भी मॉकड्रिल की पूरी प्रक्रिया को समन्वित करने के लिए उपस्थित रहे।

मनाली-लेह मार्ग पर सेटेलाइट फोन

मनाली-लेह मार्ग में ‘ब्लैक आउट’ जोन को आठ अतिरिक्त आईसेट से जोड़ा जाएगा। इसके लिए प्रज्ञा संस्था आगे आई है। इस संस्था ने राज्य सरकार को मनाली-लेह मार्ग पर केलांग से आगे सेटेलाइट फोन सुविधा देने का प्रस्ताव दिया है।