हिमाचल की कीटनाशक लैब को देश में 17वां रैंक

शिमला – हिमाचल प्रदेश के कीटनाशक जांच लैबोरेटरी को भारत सरकार ने देश भर में 17वें नंबर पर आंका है। भारतीय मानक ब्यूरो के माध्यम से प्रदेश को मिली इस रैंकिग को भारत सरकार ने बेहतर तो बताया है, लेकिन हिमाचल की एकमात्र लैबोरेटरी में स्टॉफ की कमी को लेकर चिंता जाहिर की है। भारत सरकार ने कृषि विभाग व सरकार को कहा है कि अगर इस लैबोरेटरी में स्टाफ पूरा होता, तो इससे भी बेहतर रैंकिंग हिमाचल को मिल सकती थी। दरअसल शिमला स्थित एकमात्र राज्य कीटनाशक प्रशिक्षण प्रयोगशाला में दो ही एक्सपर्र्ट्स हैं, जो प्रदेश भर से कीटनाशकों के आने वाले सैंपल को चेक करते हैं।  इस वजह से कई बार तो स्थिति ऐसी भी हो जाती है कि प्रयोगशाला में कोई भी जांच एक्सपर्ट नहीं होता है। इस वजह से जिलों से कीटनाशकों के लिए गए सैंपलों को चेक करने में कई महिनों भी लग जाते है।  हैरानी इस बात की है कि अभी तक प्रदेश भर में कीटनाशक जांच लेब्रेटरी में दो ही पद सैंपल जांच अधिकारी के स्वीकृत किए गए है। ऐसे में भारत सरकार ने भी इन खाली पदों को भरने के लिए प्रदेश सरकार को रास्ते तलाशने  को कहा है। बता दें कि हिमाचल में कीटनाशक जांच लैबोरेटरी केवल एक ही है। इस लैबोरेटरी की दक्षता को जांचने के लिए भी हैदराबाद व फरीदाबाद की नेशनल लैबोरेटरी सैंपल हिमाचल भेजती है। इन सैंपलोें के आधार पर ही भारत सरकार भारतीय मानक ब्यूरो के तहत प्रदेश की रैंकिंग देश भर की जांच लैबोरेटरी को लेकर करती है। यह भी स्पष्ट कर दें कि भले ही हिमाचल को कीटनाशक लैबोरेटरी का  17वां नंबर है, लेकिन एनएबीएल से अभी तक कृषि विभाग की टैस्टिंग लैबोरेटरी को एक्रीडेशन नहीं मिली है। जानकारी के अनुसार कृषि विभाग ने पांच कीटनाशक दवाइयों के साथ नेशनल एक्रीडेशन बोर्ड फॉर टेस्टिंग एंड केलिबेरेशन लैबोरेटरीज से भी परमिशन के लिए अप्लाई किया है।  अगर यह एक्रीडेशन भारत सरकार की इस लैबोरेटरी से मिल जाती है, तो हिमाचल में उन्नत किस्म की कीटनाशक दवाइयां किसानों को मिलेंगी।  अगर यह एक्रीडेशन  मिल जाती है, तो हिमाचल में उन्नत किस्म की कीटनाशक दवाइयां किसानों को मिलेंगी। वहीं सबसे अहम यह रहेगा कि देश के भारतीय मानक ब्यूरो में भी हिमाचल के कृषि विभाग की स्थिति अच्छी होगी। खास बात यह है कि इससे भारत सरकार द्वारा की जाने वाली रैंकिंग में भी सुधार होगा। दरअसल हिमाचल में बिकने वाले कीटनाशकों की गुणवत्ता उतनी बेहतर नहीं होती, जिससे किसान फसलों को लगने वाली बीमारियों को जल्द दूर कर सकें। हालांकि हिमाचल में कीटनाशकों के खराब होने की भी बता नहीं है।

कृषि विभाग ने पांच कीटनाशकों के लिए मांगी एक्रीडिटेशन

कृषि विभाग ने किसानों व बागबानों के फायदे को देखते हुए पांच महत्त्वपूर्ण कीटनाशकों को लेकर एनएबीएल यानी  नेशनल एक्रीडेशन बोर्ड फॉर टेस्टिंग एंड केलिबेरेशन लैबोरेटरिस से साइपर मैथरीन, एस्साकोनोजोल, कॉपर सल्फर, और मैकोजोल की एक्रीडिटेशन के लिए प्रोपोजल भेजा है।