हिमाचल में कैरी बैग बैन करने की तैयारी

एनजीटी के निर्देशों पर कपड़े की तरह लगने वाले थैलों पर रोक लगाएगी प्रदेश सरकार

 एनजीटी कमेटी ने पोलिथीन की ही तरह बताए घातक, अनाज पानी को कर रहे जहरीला

शिमला -पोलिथीन प्रतिबंध के बाद हिमाचल में प्रयोग हो रहे कपड़े की तरह लगने वाले कैरी बैग को भी बैन करने की तैयारी है। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल की रिजनल मॉनिटरिंग कमेटी में इन कैरी बैग के प्रयोग पर रोक लगाने के निर्देश जारी किए हैं। कमेटी ने अपने निर्देशों में कहा है कि हिमाचल में प्रयोग हो रहा कैरी बैग नॉन बुवन और इसमें 100 फीसदी पोलिप्रोफलिन है। प्रयोग में लाया जा रहा कलरफुल कैरी बैग नॉन-बायोडिग्रेडेबल है। इसके चलते यह कैरी बैग पोलिथीन की ही तरह घातक परिणामों वाला है। एनजीटी कमेटी के दिशा निर्देशों के बाद चेन्नई स्थित सेंट्रल इंस्टीच्यूट ऑफ प्लास्टिक इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी में भी हिमाचल के कैरी बैग को पोलिथीन की तरह घातक करार दिया है। सेंट्रल इंस्टीच्यूट की रिपोर्ट तथा एनजीटी कमेटी के निर्देशों के बाद हिमाचल सरकार अब कैरी बैग को बैन करने की तैयारी में है। जाहिर है कि धूमल सरकार ने प्रदेश में पोलिथीन के प्रयोग पर रोक लगाई थी। इसके बाद रंग-बिरंगे नॉन बुवन कैरी बैग का चलन शुरू हुआ है। सेंट्रल इंस्टीच्यूट चेन्नई ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि हिमाचल में प्रयोग हो रहे रंग-बिरंगे नॉन-बुवन कैरी बैग प्लास्टिक से ही बने हैं। इस कारण यह कैरी बैग गलते-सड़ते नहीं है। प्रयोग के बाद ये कैरी बैग जहरीले कैमिकल उगल रहे हैं। इस कारण पेयजल से लेकर अनाज तक विषैला पैदा हो रहा है। वहीं, पर्यावरण विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के निदेशक डीसी राणा ने बताया कि नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने हिमाचल की रिटायर्ड मुख्य सचिव राजवंत संधु की अध्यक्षता में रिजनल मॉनिटरिंग कमेटी गठित की है। इस कमेटी ने मार्किट में प्रयोग हो रहे रंग-बिरंगे कैरी बैग के प्रयोग पर रोक लगाने के निर्देश दिए हैं। इस कारण यह मामला सरकार से उठाया गया है। उधर, पर्यावरण विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव आरडी धीमान ने बताया कि सेंट्रल इंस्टीच्यूट ऑफ प्लास्टिक इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी चेन्नई ने प्रदेश में प्रयोग हो रहे नॉन बुवन कैरी बैग को प्लास्टिक की ही तरह घातक बताया है। इस कारण सरकार दूसरे विकल्पों पर विचार कर रही है। इसके लिए कुछ कंपनियों को पायलट प्रोजेक्ट के रूप में काम करने को कहा गया है। सरकार का प्रयास है कि आम लोग खुद ही रंग-बिरंगे कैरी बैग का इस्तेमाल करना कम कर दें।