4751 करोड़ से पानी बचाएगा हिमाचल

अहम वाटर कंजरवेशन प्रोजेक्ट पर चर्चा के लिए आएंगे एडीबी के अधिकारी

शिमला – राजस्थान की तर्ज पर हिमाचल में वाटर कंजरवेशन के लिए लंबे समय से बात चल रही है। पूर्व सरकार के समय में भी राज्यपाल ने जल पुरुष को यहां लाकर सरकारी मशीनरी को उनके अपनाए उपाय सुझाए। यहां कई वर्कशॉप लोगों व अफसरों के लिए लगी, जिसमें बताया गया कि राजस्थान में किस तरह पानी का संग्रहण किया जा रहा है। इसी तर्ज पर हिमाचल में भी कुछ करने की सोची गई है, जिसके लिए वाटर कंजरवेशन प्रोजेक्ट बेहद महत्त्वपूर्ण है। प्रदेश सरकार ने यह प्रोजेक्ट बनाया है, जिस पर चर्चा के लिए एशियन डिवेलपमेंट बैंक के अधिकारी यहां आएंगे। इन अधिकारियों के साथ चर्चा के लिए आईपीएच व बागबानी विभाग के अफसर भी तैयारियों में जुटे हैं। किस तरह हिमाचल के लिए यह प्रोजेक्ट फायदेमंद साबित होगा, इस पर विस्तार से बात होगी और उम्मीद है कि हिमाचल के इस प्रोजेक्ट को यहां जल्द लागू करने पर काम शुरू होगा। 4751 करोड़ की इस परियोजना के जरिए यहां वर्षा जल संग्रहण किया जाएगा। प्रदेश में होने वाली बारिश का पानी यूं ही बह जाता है, जिसका यहां के लोगों किसानों, बागबानों को कोई फायदा नहीं हो पाता। इस परियोजना में बड़े व छोटे स्तर के चैकडैम बनाकर पानी रोकने की योजना है। यहां पानी के भंडारण के लिए कई तरह के प्रयास किए जाएंगे, जिसमें तलाब बनाने व कुएं बनाने की भी सोच है। प्रदेश के कई ऐसे क्षेत्र हैं, जहां वर्षा जल के संग्रहण में बेहद आसानी रहेगी। वहां बारिश भी काफी होती है, लेकिन पानी बह जाता है। आईपीएच विभाग ने इस परियोजना को लेकर पांच क्लस्टर बनाए हैं, जिसमें राज्य के अलग-अलग क्षेत्र हैं। इन क्लस्टर्ज की संख्या डीपीआर में बढ़ भी सकती है।

प्रदेश के लिए बेहद फायदेमंद है परियोजना

तय है कि यह परियोजना सिरे चढ़ी, तो इससे जमीन के नीचे भू जलस्तर में बढ़ोतरी होगी, जो कि लगातार नीचे गिर रहा है। जिन-जिन क्षेत्रों में भू जलस्तर कम हो रहा है, वहां के लिए यह परियोजना फायदेमंद होगी। अधिकारी इसकी विस्तृत जानकारी एडीबी को देंगे। बता दें कि इस तरह के प्रोजेक्ट पर दूसरे राज्यों में वर्ल्ड बैंक भी काम कर रहा है। इसी तर्ज पर एडीबी हिमाचल में यह प्रयोग कर सकता है।