अलगाववादी होंगे बेनकाब, शाह का प्लान

केंद्र सरकार जम्मू-कश्मीर में राष्ट्रपति शासन को लोगों के दिलों को जीतने के लिए एक ‘सुनहरा अवसर’ मान रही है। खुद केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह का इसपर फोकस है और उनके हालिया दौरे को इसी से जोड़कर देखा जा रहा है। एक रणनीति है रोजगार के अवसर पैदा करने के लिए विकास परियोजनाओं को मजबूत करना और घोटालों में शामिल स्थानीय राजनीतिज्ञों को बेनकाब कर उन्हें उखाड़ फेंकना।

परिवर्तन की उम्मीद में कश्मीर 
स्थानीय अधिकारियों में पूरे राज्य में परिवर्तन की तड़प दिख रही है। एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने कहा, ‘लोग बदलाव चाहते हैं और बेहतर प्रशासन चाहते हैं, जो पिछले एक साल में हमारा फोकस रहा है।’ ऐसी ही एक पहल बैक टु विलेज अभियान में की जा रही है। इस अभियान के तहत राजपत्रित अधिकारियों ने राज्य के सभी 4,483 पंचायतों में दो दिन और एक रात बिताई।