आप कितने सुखी हैं ?

पूरन सरमा

स्वतंत्र लेखक

सुख पर व्यंग्य करना खेल नहीं है। हमने लोगों को ज्यादातर दुखों पर ही व्यंग्य करते देखा है। वैसे सुख और दुख एक सिक्के के दो पहलू हैं, परंतु उन्हें नापने का कोई बेरोमीटर अभी तक नहीं बन सका है। ‘आप कितने सुखी हैं’ इसमें भी यह तय करना मुश्किल है कि सुख को तोला कैसे जाए। मेरी समझ में तो सुख एक अहसास है, जिसे केवल मानसिक रूप से धारण करके सुखी हुआ जा सकता है। सुख के बारे में जितना सोचो, उतना ही दुखी होते चले जाओ। सदैव दूसरों की थाली में घी ज्यादा दिखाई देता है और यही दुख का मूल उद्गम स्थल है। ऐसी विकट स्थिति में सहज ही एक प्रश्न उठ खड़ा होता है कि आप कितने सुखी हैं? मुझे पता है कि आप सुखी नहीं हैं और यह प्रश्न बाण की तरह आपको आहत कर देगा, परंतु सुख का मूल्यांकन करने के लिए हर दौर से गुजरना भी पड़ेगा। यदि आपकी शादी हो गई है, तो आपके सुखी होने का प्रश्न ही नहीं है। आप कितने ही हंसे, परंतु सब जानते हैं कि आपकी यह हंसी केवल दिखावटी है तथा आप भीतर से रो रहे हैं। यदि आपकी शादी नहीं हुई, तो आप इस बात को लेकर दुखी हैं कि आपकी शादी क्यों नहीं हुई। ऐसी स्थिति में भी सुखी कहां हुए आप। सुख और दुख दोनों की जड़ शादी ही है, परंतु यह शाश्वत सत्य है कि शादी के पहले और शादी के बाद सुख को प्राप्त करना बड़ी टेढ़ी खीर है। सुखों का अपहरण तो एक अदद पत्नी के आते ही हो जाएगा, फिर भला बचेगा तो फकत दुख ही। इसलिए सुख को नापा, तो थर्मामीटर में पारा आगे बढ़ा ही नहीं और बराबर चिंता यही बनी रही कि हम सुखी क्यों नहीं हैं? सुखी होने के प्रयत्न के लिए हम क्या-क्या नहीं करते। क्या-क्या पापड़ नहीं बेलते। यदि हम पापड़ बेल रहे हैं, तो यह सुख की श्रेणी में नहीं माना जाता। बराबर आदमी सुख के लिए संघर्ष कर रहा है और दुख झेल रहा है। ‘पराधीन सपनेहु सुख नहीं’ वाली कहावत चरितार्थ है। आदमी पत्नी को प्राप्त करते ही उसकी सजावट तथा मेंटेनेंस के प्रति सजग हो जाता है तथा यह ‘सफेद हाथी’ पालना बहुत महंगा हो गया है। भौतिक साधनों की जितनी वृद्धि हुई, तो उनका मेंटेनेंस बढ़ गया। आप फ्रिज-स्कूटर-टीवी कुछ भी लाएं, आए दिन कोई न कोई खराबी होती रहेगी तथा आप ठीक कराने के लिए मोटी रकम व्यय करते रहेंगे। पत्नी भी आजकल एक ऐसा आयटम है, जिसे आए दिन ‘ओवर आयलिंग’ आदि करते रहने की जरूरत है। सप्ताह में ‘नहीं-नहीं’ करते भी एक बार ‘ब्यूटी पार्लर’ में ले जाना होगा।