उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर (एनआरसी)असम समझौते का हिस्सा है और इसे उस समझौते के अनुरूप ही तैयार किया जा रहा है। इससे पहले गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने कहा कि एनआरसी को तैयार करने में अत्यधिक सतर्कता बरती जा रही है और यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि किसी भारतीय नागरिक का नाम इससे बाहर न रहे और किसी अवैध व्यक्ति का नाम इसमें शामिल न हो पाये। उन्होंने कहा कि उच्चतम न्यायालय ने इस रजिस्टर को 31 जुलाई तक प्रकाशित करने का आदेश दिया है लेकिन 25 लाख लोगों ने हस्ताक्षर के साथ राष्ट्रपति को आवेदन दिया है कि इसकी समय सीमा बढायी जाये। इसलिए सरकार उच्चतम न्यायालय से इसकी समय सीमा बढाने का अनुरोध करेगी। उन्होंने कहा कि एनआरसी को पूरी बारीकी से लागू किया जायेगा। एक अन्य सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि रोहिंग्या समुदाय के लोग देश के विभिन्न हिस्सों में फैले हुए हैं और इनमें से कुछ बंगलादेश भी चले गये हैं इसलिए अभी सरकार के पास इनकी निश्चित संख्या से संबंधित आंकड़े नहीं हैं।