ट्रिब्यूनल बंद करने पर वकीलों का हल्ला बोल

शिमला – प्रदेश ट्रिब्यूनल को बंद करने के प्रस्तावित निर्णय के खिलाफ  वकीलों ने विरोध-प्रदर्शन किया और सरकार के इस फैसले के खिलाफ जमकर नारे लगाए। वकीलों ने इस बाबत 31 सदस्यीय कमेटी गठन किया है, जिसने इस निर्णय के खिलाफ प्रर्दशन और उग्र करने का निर्णय लिया है। हाई कोर्ट व जिला बार एसोसिएशन के अधिवक्ताओं द्वारा इसमें पूरा सहयोग दिया जा रहा है। ट्रिब्यूनल बार एसोसिएशन की ओर से बताया गया कि राज्य सरकार का फैसला गलत है। इससे वकीलों व कर्मचारियों पर विपरीत प्रभाव पड़ेगा। अधिवक्ताओं का कहना है कि राज्य सरकार ने जुलाई, 2008 में इसे बंद करने के बाद फरवरी, 2015 में पुनः खोला और अब इसे बंद करने के लिए कैबिनेट ने निर्णय ले लिया। राज्य सरकार का फैसला पूरी तरह राजनीति से प्रेरित व एकतरफा है। एक सरकार ट्रिब्यूनल को बंद करती है और दूसरी सरकार खोलती है। फिर वही सरकार इसे बंद कर देती है। सरकार को इसे मजबूत करना चाहिए न कि बंद किया जाना चाहिए। भारत देश में कानून के राज को सर्वोपरि माना गया है, जबकि राज्य सरकार को यह बात रास नहीं आ रही है।