ठोस परिवहन नीति से थमेंगे हादसे

जीएस बाली बोले, ग्रामीण क्षेत्रों में बढ़ाने होंगे बसों के रूट

कांगड़ा —पूर्व परिवहन मंत्री जीएस बाली प्रदेश में सड़क दुर्घटनाओं को लेकर बेहद गंभीर हैं। वह कहते हैं कि व्यवस्था सुधारकर सड़क दुर्घटनाओं पर काबू पाया जा सकता है । जीएस बाली का कहना है कि  ठोस परिवहन नीति से सड़क दुर्घटनाएं रुक सकती हैं और परिवहन व्यवस्था भी सुधर सकती है। वह ओवरलोडिंग को कम करने की बात कहते हैं। उनका कहना है कि रूरल और अर्बन एरिया में  वाहनों के रूट परमिट को लेकर समन्वय बिठाना होगा। साथ ही निजी कारों की रजिस्ट्रेशन व्यवस्थित ढंग से बंद करनी होगी। वह बताते हैं कि ओवरलोडिंग की वजह से सड़क दुर्घटनाएं ग्रामीण एरिया में हो रही हैं, क्योंकि ऐसे क्षेत्रों में बसें कम होने की वजह से लोग बसों में ठूंस-ठूंस कर भरे जाते हैं। उनका कहना है कि रूट परमिट के मामले में 70 फीसदी रूरल एरिया को कवर करना होगा और इन रूट परमिट देने वालों को राहत देनी होगी। श्री बाली  कहते हैं कि रूट परमिट के मामले में बस मालिकों का रुझान अर्बन एरिया व जीटी रोड पर अधिक होने की वजह से यह नौबत आई है। श्री बाली के अनुसार प्रदेश में निजी वाहनों का आंकड़ा 15 लाख से ऊपर है और पार्किंग की समस्या आड़े आ रही है। श्री बाली कहते हैं कि पहले से गाडि़यां इस्तेमाल कर रहे व्यक्ति को आगे कार रजिस्ट्रेशन पर पाबंदी हो। भविष्य में भी घर में कार पार्किंग की क्षमता रखने वाले व्यक्ति को कार के लिए से परमिशन दी जाए। इसके लिए मजबूत कदम उठाने की जरूरत है। वह चार हजार फुट ऊंचाई वाली सड़कों पर क्रैश  बैरियर लगाने की वकालत करते हैं। श्री बाली बताते हैं कि उनके समय में यह व्यवस्था हिमाचल में लागू की गई थी और करीब 65 करोड़ रुपए के क्रैश बैरियर लगाए गए थे। इससे सड़क दुर्घटनाओं में भी कमी आई थी।