नई शिक्षा नीति पर भेजें सुझाव

शिक्षा विभाग ने कालेज; स्कूल, अभिभावकों से मांगी राय

शिमला  – नई शिक्षा नीति लागू होने से पहले शिक्षा विभाग स्कूल, कालेज और अभिभावकों से भी सुझाव लेना चाहता है। सभी के सुझाव आने के बाद ही  विभाग नई शिक्षा नीति को लेकर बनाएं गए अपने ड्राफ्ट को भारत सरकार के सामने पेश करेगा। यही वजह है कि  अब अधिसूचना जारी कर विभाग ने सभी शिक्षाविदों से इस बारे में ऑनलाइन सुझाव मांगे हैं। दरअसल मानव संसाधन मंत्रालय ने एक बार फिर राज्यों को सुझाव देने को कहा है, ताकि शिक्षा नीति के ड्राफ्ट को अंतिम मंजूरी देने से पहले इसमें नए सुझाव शामिल किए जा सकें। इसी कड़ी में शिक्षा विभाग ने स्कूल-कालेजों को निर्देश जारी कर दो दिन में ई-मेल के माध्यम से इन सुझावों को देने को कहा है। इस दौरान विभाग ने छात्रों और अभिभावकों को भी शिक्षा नीति के लिए सुझाव देने को कहा है। गौर हो कि केंद्र द्वारा नई शिक्षा नीति में जो कई योजनाएं  शामिल की है, उसका विरोध हुआ है, यही वजह है कि विभाग केंद्र सरकार से नई नीति को लेकर चर्चा करने से पहले किसी के भी सुझाव लेने से पीछे नहीं हटना चाहती है। यहां बतां दें कि मंत्रालय ने मामले पर नौ जुलाई को दिल्ली विज्ञान भवन में बैठक रखी है। इस बैठक में मंत्रालय के अधिकारियों के अलावा राज्यों से भी शिक्षा विशेषज्ञ बुलाए गए हैं। इसमें नई शिक्षा नीति के ड्राफ्ट पर चर्चा होगी। बैठक में सभी से राय ली जाएगी। इस दौरान नई शिक्षा नीति के लिए जो सुझाव राज्यों से आएंगे, उन पर भी गौर किया जाएगा। उपयुक्त सुझावों को ड्राफ्ट में शामिल किया जा सकता है। केंद्र सरकार अगस्त माह तक देश में नई शिक्षा नीति लागू कर सकता है। वहीं केंद्र सरकार की नई शिक्षा नीति में शिक्षकों के लिए चार साल की इंटीगे्रटिड बीएड अनिवार्य की गई है। इस दौरान बीएड वही कालेज व विश्वविद्यालय करवाएंगे, जहां दूसरे कई विषय चल रहे हों।