पढ़ाई के बाद कालेज ही देंगे नौकरी

यूजीसी ने एचपीयू सहित सभी शिक्षण संस्थानों को जारी किए निर्देश, प्लेसमेंट न देने पर कालेज प्रशासन पर होगी कार्रवाई

शिमला —हिमाचल प्रदेश में उच्च शिक्षा हासिल कर रहे छात्रों को अब नौकरी की चिंता नहीं होगी। यूजी व पीजी करने वाले छात्रों को नौकरी देने की जिम्मेदारी पूरी तरह से शिक्षण संस्थान की होगी। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ने साफ किया है कि अब कालेज व विश्वविद्यालय में पढ़ने वाले छात्रों ने भले ही आर्ट्स विषय पढ़ा हो, लेकिन अगर वह डिग्री खत्म होने के बाद रोजगार चाहते हैं, तो उन्हें यह संस्थान ही देगा। छात्रों को जरूरत होने के बाद भी प्लेसमेंट का मौका न देने वाले शिक्षण संस्थान के खिलाफ अब कड़ी कार्रवाई यूजीसी अमल में लाएगा। दरअसल यूजीसी ने एचपीयू को एक करोड़ व सभी सरकारी कालेजों को 50-50 लाख की राशि प्लेंसमेंट सैल के अलग गठन को लेकर जारी की है। ऐसे में अब एचपीयू सहित हिमाचल के सभी कालेजों को प्लेसमेंट सैल का अलग गठन करने के बाद संस्थान में पढ़ रहे छात्रों का पूरा रिकार्ड रखना होगा। कई कालेज बजट न होने की वजह से प्लेसमेंट सैल का गठन नहीं कर पा रहे थे। अब जब यूजीसी ने विवि सहित कालेजों को बजट जारी किया है, तो हर कालेज में प्लेसमेंट सैल में अलग स्टाफ भरने के भी निर्देश यूजीसी की ओर से जारी हुए है। यूजीसी ने राज्य के सभी सरकारी कालेजों को आदेश दिए हैं कि वह कालेज में पढ़ने वाले सभी छात्रों का डाटा ऑनलाइन चढ़ाएं। इसके साथ ही एक साल में कितने छात्रों को रोजगार देने में संस्थान सफल रहा है, इसकी भी जानकारी देनी होगी। ्र

एक महीने में ब्यौरा तलब

विश्वविद्यालय अनुदान आयोग एक माह के भीतर कालेजों से प्लेसमेंट सैल को लेकर ब्यौरा तलब करेगा। अगस्त के अंत तक कालेजों को बताना होगा कि प्लेसमेंट सैल के गठन को लेकर अभी तक क्या कार्य संस्थानों ने किए हैं।