पांच करोड़ से बड़ा प्रस्ताव सिंगल विंडो में

प्रक्रिया आसान बनाने के लिए पहल, अगली कैबिनेट बैठक में आएगा मसौदा

शिमला -पांच करोड़ रुपए से ऊपर के निवेश का हर प्रस्ताव अब सिंगल विंडो में जाएगा। अभी तक राज्य में उद्योग लगाने  के ही प्रस्ताव सिंगल विंडो में जाते थे, लेकिन अब सरकार निवेश को आसान बनाने के लिए व्यवस्था को बदलने जा रही है। कैबिनेट की अगली बैठक में इस पर प्रस्ताव आए, जिसमें सभी विभागों के निवेश से जुडे़ प्रस्ताव इन कमेटी के सामने लाने को मंजूरी मिलेगी। सिंगल विंडो सिस्टम की अध्यक्षता खुद मुख्यमंत्री करते हैं, जिसमें मुख्य सचिव व दूसरे विभागों के एचओडी साथ रहते हैं। मामला उद्योग का रहता है, लिहाजा उद्योग किस तरह से लगेगा और इसमें कितना निवेश होगा, इसके लिए कहां पर जमीन है, इसे देखने के साथ उसकी आधारभूत जरूरतों को ध्यान में रखते हुए यह कमेटी मंजूरी देती है। प्रदेश में इन्वेस्टर मीट में बड़ा निवेश करने का सरकार का टारगेट है, लिहाजा इस टारगेट को पूरा करने के लिए सभी विभाग लगे हैं। क्योंकि पर्यटन, स्वास्थ्य, बिजली, आयुर्वेद, कृषि व बागबानी जैसे विभागों के  साथ ही निवेश के लिए एमओयू हो रहे हैं, इसलिए सभी के प्रस्तावों को अब सिंगल विंडो की मंजूरी अनिवार्य बनाई जा रही है। इनवेस्टर मीट से पहले निवेशकों को एनओसी की लंबी चौड़ी प्रक्रिया से बचाने के लिए सरकार यह बदलाव कर रही है। उद्योग विभाग ने इसका प्रस्ताव तैयार कर विधि विभाग को भेजा है। विधि विभाग की मंजूरी के बाद इसे अंतिम मंजूरी के लिए अगली कैबिनेट की बैठक में रखा जाएगा। पुरानी प्रक्रिया के अनुसार उद्योग विभाग को छोड़़कर शेष दूसरे विभागों के पास जो भी प्रस्ताव आते थे, वे सरकार से एमओयू करवाकर अपने स्तर पर मंजूरी दिया करते थे। इससे किसी भी प्रोजेक्ट में खासी देरी होती रही, मगर यहां पर निवेशकों को राहत देनी है, लिहाजा एकल खिड़की प्रणाली से मंजूरी मिलने के बाद फिर ज्यादा दिक्कत निवेशक को पेश नहीं आएंगी। सभी को समय पर प्रोजेक्ट को मंजूरी देनी अनिवार्य होगी। एनओसी के लिए निवेशकों को भटकना न पड़े इसके लिए सरकार व्यवस्था को पुख्ता बना रही है। उद्योग विभाग ने इस संबंध में प्रस्ताव बना दिया है, लेकिन इस कैबिनेट में उसे नहीं लाया जा सका।