पीडियाट्रिक सर्जरी से दी नई जिंदगी

ओजस अस्पताल पंचकूला के डाक्टरों की टीम ने बचाया तीन साल के बच्चे का जीवन

पंचकूला –हार्ट में दो छेद व फेफड़ों को रक्त के संकीर्ण पेसिज  से पीडि़त तीन साल के बच्चे को सफल पीडियाट्रिक कार्डिक सर्जरी से एक नई जिंदगी मिली गई। ओजस अस्पताल, पंचकूला में डा. वीरेंद्र सरवाल डायरेक्टर, कार्डियोथोरेसिक एंड वस्कुर्लर सर्जरी ने अपनी टीम डा. अजय सिन्हा और डा. प्रवीण नायक के साथ इस सर्जरी को अंजाम दिया। डा. सरवाल ने बताया कि जन्म से ही बच्चे के हार्ट में दो बड़े छेद थे, जिसे हम कोग्नीजेंट हार्ट डिजीज भी कहते हैं। हार्ट के इन बड़े छेदों के साथ फेफड़ों को रक्त का प्रवाह का पेसिज भी संकीर्ण था। दोनों छेद को एक सिंथेटिक पैच के साथ बंद किया गया और संकरा पेसिज खोल कर पेरिकार्डियल पैच के साथ बड़ा किया गया। सेप्टम के मांसपेशियों के हिस्से में दूसरा छेद हमेशा मुश्किल होता है। लेकिन बच्चे ने सर्जरी को अच्छी तरह से रिस्पांड किया है और वह तेजी से रिकवरी प्राप्त करने में सफल रहा। डा. सरवाल ने आगे कहा कि जन्म से ही हार्ट रोग से प्रभावित बच्चों का औसत नवजात बच्चों में 9/1000 है और इस प्रवृत्ति को देखते हुए, भारत में जन्मजात हार्ट रोग के साथ जन्म लेने वाले बच्चों की अनुमानित संख्या प्रति वर्ष 200,000 से अधिक है। उन्होंने कहा कि ओजस अस्पताल में हार्ट की सर्जरी से हद्य की समस्याओं से निजात पाया जा सकता है।