प्रदेश के जंगलों में रोपे जाएं फलदार पौधे

 शिमला -राज्यपाल आचार्य देवव्रत ने वन विभाग को जंगलों में फलदार पौधे रोपने के निर्देश दिए हैं। प्रदेश वन मंत्री गोविंद सिंह ठाकुर द्वारा राज्यपाल से मुलाकात के दौरान यह बात कही। राजभवन में मुलाकात कर प्रदेश के वन एवं परिवहन विभाग की गतिविधियों की जानकारी प्रदान की। इस अवसर पर राज्यपाल ने वनों के संवर्धन एवं संरक्षण के लिए अपने बहुमूल्य सुझाव प्रदान करते हुए कहा कि प्रदेश के जंगलों में अधिकतर फलदार पौधे रोपे जाएं, जिससे वन्य प्राणियों को वनों के भीतर ही भोजन प्राप्त हो तथा किसानों की फसलों को जंगली जानवरों द्वारा नुकसान न हो। राज्यपाल आचार्य देवव्रत ने कहा कि वन विभाग इस प्रकार के फलों की प्रजातियों को चिन्हित करें, जो केवल वन्य जीवों के उपभोग के लिए उपयुक्त हो। राज्यपाल ने प्रदेश के वृक्षारोपण तथा सड़क सुरक्षा अभियान के लिए अपना भरपूर सहयोग प्रदान करने की बात कही, जिसके लिए वह आगामी कार्यक्रमों में भाग भी लेंगे। राज्यपाल ने गत दिनों हुए सड़क हादसों पर भी अपनी चिंता व्यक्त की, जिस पर परिवहन मंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा पिछली कैबिनेट बैठक में सड़क सुरक्षा को पुख्ता करने के लिए परिवहन निदेशालय के भीतर रोड सेफ्टी लीड एजेंसी के गठन की मंजूरी प्रदान की है। इसमें पुलिस, शिक्षा, लोक निर्माण विभाग के उच्च अधिकारी अपनी सेवाएं प्रदान करेंगे तथा प्रदेश में बड़े पैमाने पर जन जागरण अभियान चलाए जाने की रूपरेखा तैयार कर दी गई है। गोविंद सिंह ठाकुर ने कहा कि प्रदेश में यात्रियों की सुविधाओं के लिए प्रतिदिन सौ के करीब अतिरिक्त बसों की सेवाएं प्रदान की जा रही हैं।

इस बार पांच दिन तक रोपण अभियान

वन मंत्री ने राज्यपाल को आगामी वर्षा ऋतु में वन विभाग के पौधारोपण अभियान की जानकारी देते हुए कहा कि गत वर्ष वन विभाग द्वारा प्रदेश में तीन दिनों तक चलाए गए रोपण अभियान के दौरान लोगों की सहायता से करीब 17 लाख पौधे रोपे गए थे, जबकि इस वर्ष यह अभियान पांच दिनों तक चलेगा। वन मंत्री गोविंद सिंह ठाकुर ने कहा कि वन विभाग द्वारा इस वर्ष सामुदायिक सहयोग से पौधारोपण किया जा रहा है तथा इनकी देखभाल एवं संरक्षण के लिए जन सहभागिता सुनिश्चित की जा रही है। इस अवसर पर हिमाचल प्रदेश वन विभाग के प्रमुख डा. अजय शर्मा ने जानकारी दी कि विभाग का प्रयास है कि पौधारोपण के दौरान पचास प्रतिशत तक फलदार पौधे रोपे जाएंगे तथा किसानों को निजी भूमि पर रोपित करने के लिए चंदन के पौधे भी प्रदान किए जाएंगे।