बरसात में मोटर बोट एडवेंचर

रामविलास जांगिड़

स्वतंत्र लेखक

बरसात का मौसम है और आजकल हमारे बहुत मजे हैं। हमारी इस स्मार्ट सिटी में सड़कों पर भांति-भांति के गड्ढे प्रशासन की निगरानी में बनाए गए हैं। गड्ढों को आपस में जोड़कर बनाई गई सड़कें हर दिशा में पसरी हुई हैं। जिस सड़क पर देखो, उधर गड्ढे ही गड्ढे दिखते हैं। गर्मियों के मौसम में हमारा परिवार इन गड्ढों में छुपन-छुपाई खेलता और योगाभ्यास करता। अभी इन गड्ढों में बरसात का जो पानी भरा है, उसमें नावें चलाने में भरपूर मजा आ रहा है। हम पूरे परिवार सहित नाव का आनंद ले रहे हैं। स्मार्ट सिटी में जो अंडरपास बनाए गए हैं, उनका भी एक अलग ही आनंद है। अंडरपास में मोटर बोट चलाई जा रही है। रेलवे अंडर पास हो या पुलिया अंडर पास। पानी सब में लबालब भरा है। बरसात में पूरा परिवार मोटर बोट में बैठकर पकौड़े खा रहा है। गांवों-कस्बों से हमारे नाते-रिश्तेदारों का जमावड़ा लग चुका है। वे इस स्मार्ट सिटी में मोटर बोट में बैठकर भुट्टे खा रहे हैं। जो शहर के गंदे नाले हैं, उनके भी अपने किस्से हैं। बरसात के इस मौसम में तमाम गंदे नालों में शानदार बदबूदार पानी भरा हुआ है। शहर की तमाम गंदगी अपने में समेटे नाले और सड़क में भेद हरगिज नहीं होता। नाला है कि सड़क है, सड़क है कि नाला है, गड्ढा है कि सड़क है, सड़क है कि गड्ढा है, कोई पता नहीं चलता। चारों ओर पानी ही पानी है। प्रशासन का तमाम पानी मर चुका है और पसरकर गड्ढों में समा चुका है। टेंट वाले सज्जन, नल बिछाने वाले सड़क काटू जीव व बिजली के खंभे गाड़ने के बहाने सड़क फोड़क जंतुओं ने सहभागिता से सड़कों की कटस्य कटयो कटाणाम क्रिया संपादित की है। गड्ढों-खाइयों-खंदकों में कई-कई देशों के मच्छरों के पूरे परिवारों ने अपना डेरा जमा लिया है। कुत्ते-सूअर भी इसमें मटरगश्ती कर रहे हैं। नाना प्रकार की बीमारियों को निर्यात करने का यह कारखाना अभी खुल चुका है।