बिना इलाज लौटाए बाप-बेटा

बनीखेत—कस्बे स्थित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में चरमराई स्वास्थ्य सेवाओं की शनिवार को एक बार फिर से पोल खुल गई। पठानकोट एनएच मार्ग पर पंजपूला के समीप पेश आए कार हादसे में गंभीर रूप से घायल बाप-बेटे को उपचार के लिए प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में लाने पर चिकित्सक के अवकाश पर होने के चलते प्राथमिक उपचार नहीं मिल पाया। जिस कारण घायलों को नौ किलोमीटर और दूर डलहौजी अस्पताल ने जाना पड़ा। प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र बनीखेत में आपातकाल में स्वास्थ्य सुविधा न मिल पाने का यह पहला मौका नहीं था। इससे पहले भी कई मर्तबा ऐसा घटित हो चुका है। कस्बे के लोगों की मानें तो सरकार ने करोड़ों रुपए खर्च कर तीन चिकित्सकों के लिए रिहायशी भवन तो बना दिया है। वर्तमान में पीएचसी में दो चिकित्सक ही अपनी सेवाएं दे रहे हंै। इसमें एक दंत चिकित्सक शामिल है। इस इकलौते चिकित्सक के अवकाश पर जाने से व्यवस्था पटरी से उतर जाती है।  कस्बे के महिंद्र, नीरज, विशाल, सुरेश, मुकेश, कृृष्ण कुमार, पवन, सुनील, सुरजीत व राजीव आदि का तर्क है कि बनीखेत की आबादी डलहौजी से कहीं अधिक है। ऐसे में यहां चिकित्सकों के स्वीकृत पद भरा जाना अति आवश्यक है। उन्होंने कहा कि अगर सरकार चिकित्सकों केे पदों को नहीं भर सकती है तो पीएचसी भवन पर ताला जड़ दे, क्योंकि इकलौते चिकित्सक के अवकाश पर चले जाने से लोगों को स्वास्थ्य सुविधा से महरूम रहना पड़ता है। उन्होंने कहा कि वे पहले भी चिकित्सकों के स्वीकृत पदों को भरने की मांग उठा चुके हैं, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो पा रही है। उधर, सीएमओ चंबा डा. वाईडी शर्मा ने बताया कि चिकित्सक के अवकाश पर होने की कोई सूचना नहीं है। बीएमओ से वस्तुस्थिति की जानकारी लेकर ही कुछ कहा जा सकता है।  स्वास्थ्य निदेशक अजय गुप्ता ने बताया कि कस्बे के लोग इस संदर्भ में लिखित शिकायत भेजें। शिकायत पर सकारात्मक कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।