भारत सरकार ने भी किया स्वीकार

कश्मीर पर पाकिस्तान का प्रोपेगैंडा कामयाब

नई दिल्ली – भारत सरकार ने माना है कि पाकिस्तान कश्मीर में मानवाधिकार उल्लंघन के मसले को अंतरराष्ट्रीय फोरम में अपने हिसाब से उठाने में सफल रहा है। रक्षा मंत्रालय की रिपोर्ट में इसका जिक्र है। इस रिपोर्ट में कहा गया है भारतीय सेना लगातार विदेश मंत्रालय और गृह मंत्रालय के साथ मिलकर काम कर रही है, ताकि पाकिस्तान के इस प्रॉपेगैंडा को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर काउंटर किया जा सके। रक्षा मंत्रालय की रिपोर्ट में कहा गया है कि पाकिस्तान ने 2018 में फिर से पूरी ताकत से कश्मीर को लेकर अंतरराष्ट्रीय अभियान चलाने की योजना बनाई और छद्म तरीके से यह दिखाने की कोशिश की कि कानून और व्यवस्था के लिए उठाया गए कदमों से मानवाधिकार के मामले बढ़े हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि कश्मीर के मसले को उठाने की पाकिस्तान की कोशिश को प्रोत्साहन भी मिला, जब दो इंटरनेशनल रिपोर्ट्स में इसका जिक्र हुआ। एक जम्मू-कश्मीर मामले पर ऑफिस ऑफ दि हाई कमीशन फॉर ह्यूमन राइट्स (ओएचसीएचआर) की रिपोर्ट आई और दूसरी ब्रिटिश पार्लियामेंट की ऑल पार्टी कोऑर्डिनेशन कमेटी की रिपोर्ट। रक्षा मंत्रालय की रिपोर्ट में माना गया है कि पाकिस्तान अपने प्रोपेगैंडा में सफल रहा। साथ ही कहा है कि भारतीय सेना इसका खंडन करने के लिए लगातार काम कर रही है। कुछ दिनों पहले आई ऑफिस ऑफ दि हाई कमीशन फॉर ह्यूमन राइट्स (ओएचसीएचआर) की रिपोर्ट में कहा गया था कि जम्मू-कश्मीर में मई 2018 से जितने नागरिक मारे गए हैं, वह संख्या पिछले एक दशक में सर्वाधिक हो सकती है। इस रिपोर्ट के अनुसार कश्मीर में तनाव, जो पुलवामा आत्मघाती हमले के बाद से बहुत बढ़ गया है, नागरिकों के मानवाधिकार, जिसमें उनके जीवन का अधिकार भी शामिल है, पर लगातार बेहद घातक प्रभाव डाल रहा है। 2018 में करीब 160 नागरिक मारे गए जिसके बारे में विश्वास किया जा रहा है कि मरने वालों की यह संख्या बीते एक दशक में सर्वाधिक है। इस रिपोर्ट पर भारत ने कड़ा ऐतराज जताया था। विदेश मंत्रालय ने इसे पहले जैसे ही झूठे और अभिप्रेरित बयान का जारी रहना करार दिया। साथ ही विदेश मंत्रालय की तरफ से कहा गया कि संयुक्त राष्ट्र निकाय के ये दावे भारत की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का उल्लंघन हैं। यह सीमापार आतंकवाद के मुद्दे की अनदेखी भी करते हैं।