शिक्षा नीति के खिलाफ होगी जंग

ऑल इंडिया फेडरेशन के राष्ट्रीय महासचिव ने किया आंदोलन का ऐलान

धर्मशाला —ऑल इंडिया फेडरेशन ऑफ यूनिवर्सिटी एंड कालेज टीचर ऑर्गेनाइजेशन ने नई शिक्षा नीति का कड़ा विरोध करने का ऐलान हिमाचल प्रदेश के धर्मशाला से कर दिया है। इतना ही नहीं, फेडरेशन ने इसे लागू करने पर सड़कों पर उतरकर उग्र आंदोलन करने की भी बात कही है। वहीं, हिमाचल शिक्षकों को सातवें पे-कमीशन और सेवानिवृत्ति की आयु 58 की बजाय बढ़ाने की मांग उठाई है। फेडरेशन के राष्ट्रीय महासचिव डा. अरुण कुमार ने कहा कि केंद्र सरकार की नई शिक्षा नीति का फेडरेशन हर स्तर पर विरोध करेगी। नई शिक्षा नीति में शिक्षा को निजी हाथों में सौंपने की तैयारी हो रही है, जबकि यूजीसी पर इसमें कहीं पर कोई चर्चा नहीं है। वहीं, राष्ट्रीय शिक्षा आयोग के माध्यम से इसका राजनीतिकरण भी होगा। शिक्षा आयोग का अध्यक्ष एक राजनीतिक पार्टी से निकला हुआ व्यक्ति होगा, जबकि इसके सदस्य भी उसी सरकार के होंगे, जिस राजनीतिक दल की सरकार होगी। शिक्षा आयोग को ही शिक्षा से संबंधित सभी फैसले लेने की शक्ति होगी। शिक्षा नीति का जो ड्राफ्ट तैयार करके आपत्ति और सुझाव के लिए पब्लिक डोमेन में डाला गया है, वह डिटेल में नहीं है। नई शिक्षा नीति में कई तरह के विरोधाभास है। डा. अरुण ने कहा कि नीति को लागू करने से पहले सरकार को इसके लिए शिक्षा विशेषज्ञों सहित विभिन्न क्षेत्र से जुड़े लोगों के बीच वाद-विवाद करवाना चाहिए। उन्होंने कहा कि फेडरेशन 25 जुलाई तक नई शिक्षा नीति को लेकर अपनी ऑब्जर्वेशन भेजेगी। फिर भी नई शिक्षा नीति को सरकार लागू करती है, तो फेडरेशन इसके विरोध में सड़कों पर उतरेगी। इस मौके पर हिमाचल प्रदेश कालेज टीचर एसोसिएशन के उपाध्यक्ष संजीव, धर्मशाला इकाई अध्यक्ष डा. सतीश ठाकुर, नगरोटा बगवां महाविद्यालय इकाई अध्यक्ष सुरेश शर्मा, नूरपुर के अध्यक्ष अश्वनी, एसएस रंधावा, राजेश पठानिया, संजीव पुरी आदि मौजूद रहे।