साहित्य-लेखकों से अनजान, सोशल मीडिया में बसी जान

साहित्य या तो कालेजों-स्कूलों के पुस्तकालयों की शान बना रहा या फिर लेखकों-साहित्यकारों के घरों की अलमारी में कैद रहा। हिमाचल में साहित्य की रुचि-अभिरुचि का इसी से पता चलता है कि युवा पीढि़ प्रदेश के चंद साहित्यकारों का नाम तक नहीं जानती। हालांकि सोशल मीडिया के युग में जहां हर हाथ में मोबाइल हैं और मोबाइल पर दुनिया भर की सामग्री मौजूद है, फिर भी साहित्य की खोज कोई नहीं करना चाहता। इसके क्या कारण हैं। इसी विषय पर ‘दिव्य हिमाचल’ ने अपनी सीरीज हिमाचल फोरम में इसकी जब पड़ताल की, तो युवा पीढ़ी की प्रतिक्रिया कुछ इस तरह सामने आई…                                                   जसवीर सिंह, सुंदरनगर

इनसान को वक्त के साथ बदलना जरूरी

शारिक जैक का कहना है कि सोशल मीडिया अपडेट रखने का एक उचित जरिया है और तकनीकी युग में ज्यों-ज्यों बदलाव आ रहे हैं, उसके हिसाब से ही इनसान को चलना चाहिए, तभी वह जिंदगी में सफल हो सकता है।

हिमाचली लेखक के बारे में नहीं जानते

अजय कुमार का कहना है कि साहित्य स्कूल-कालेजों में ही पढ़ा है और वह किसी हिमाचली लेखक को नहीं जानते हैं। सोशल मीडिया में जहां एक ओर खूबियां हैं, वहीं दूसरी ओर खामियां भी हैं। उन्होंने बताया कि आज हर कोई सोशल मीडिया पर एक्टिव हो गया है। जिसमें फ्री में शिक्षा से लेकर अन्य हर जानकारी मिलती है।

स्कूल में ही पढ़ा साहित्य

विक्रांत ठाकुर का कहना है कि समय मंे आ रहे बदलाव को हर इनसान को अपना कर ही आगे बढ़ाना चाहिए। चाहे बात तकनीकी परिवर्तन की हो या फिर सोशल मीडिया के साथ जुड़ने की हो। जो इंसान सोशल मीडिया में नहीं है, वह दुनिया के संपर्क से बाहर है। साहित्य के बारे में स्कूल में ही पढ़ा है। लेखक के बारे में अनजान हंै।

साहित्य तो पढ़ते हैं, पर लेखकों से अनजान

आशीष कुमार का कहना है कि सोशल मीडिया से आज हर क्षेत्र की जानकारी मिल रही है। बशर्ते हम अनावश्यक प्रयोग से बचंे। हिमाचल के किसी भी लेखक को नहीं जानते हैं। साहित्य किसी भी तरह का हो, लाइब्ररी में कुछ समय के लिए पढ़ लेते हैं। 

अपडेट करता है सोशल मीडिया

ई. अनूप कुमार का कहना है कि हमारा फोकस मानवतावादी व वैज्ञानिक दृष्टिकोण से संबंधित साहित्य पढ़ने का रहना चाहिए। सोशल मीडिया एक जानकारी का अच्छा माध्यम बनकर आया है, जो कि भी अपडेट जानकारी चाहिए, सोशल मीडिया पर सहजता से मिल जाती है।

साहित्य से गहरा नाता

सन्नी चौहान का कहना है कि वह हिमाचल के आरएन हरनोट, प्रमोद महाजन समेत अन्य कई प्रसिद्ध लेखकों को जानते हैं। वह साहित्य पढ़ने मंे रुचि रखते हैं और संस्कृति के संवर्द्धन से संबंधित साहित्य पढ़ते हैं। इनकी नजर में सोशल मीडिया संचार का एक बहुत अच्छा माध्यम है, जिससे हम अपने विचारों का आदान-प्रदान कर सकते हंै।