सेब का समर्थन मूल्य 50 पैसे बढ़ा

शिमला -राज्य सरकार ने सेब के समर्थन मूल्य में बढ़ोतरी की है। मगंलवार को मंत्रिमंडल की बैठक मेें मंडी मध्यस्तता योजना के तहत सेब के खरीद मूल्य को साढे़ सात रुपए से आठ रुपए प्रति किलोग्राम करने को  स्वीकृति प्रदान कर दी है, जो राज्य के बागबानों के लिए राहत भरी खबर है। हिमाचल प्रदेश में हर वर्ष एचपीएमसी द्वारा बागबानों से सेब खरीदा जाता है। एचपीएमसी की ओर से बागबानों से सी व डी ग्रेड का सेब खरीदा जाता है। राज्य में इस साल सेब की बंपर फसल होने का अनुमान लगाया जा रहा है, मगर बारिश के कम होने से राज्य में अधिकतर सेब उत्पादक क्षेत्रों में सेब का साइज कम है, वहीं राज्य में ओलावृष्टि ने भी जमकर कहर बरपाया है। ओलावृष्टि से फसल को काफी नुकसान पहुंचा है।  ओलावृष्टि होने से सेब के दानों में दाग पड़ गए हैं। ऐसे में बागबान इन सेबों को एपीएमसी को बेचता है। बीते साल एचपीएमसी ने सेब सीजन के दौरान बागबानों से 2.30 लाख मीट्रिक टन सेब खरीदा था। बीते वर्ष एचपीएमसी ने बागबानों से सेब साढे़ सात रुपए प्रति किलो के हिसाब से खरीदा था।  इस वर्ष भी एचपीएमसी द्वारा 2.50 लाख मीट्रिक टन सेब खरीदने का टारगेट रखा गया है, मगर इस मर्तबा सरकार ने सेब सीजन के आगाज के दौरान ही सेब के समर्थन मूल्य में 50 पैसे की बढ़ोतरी कर दी है। सरकार ने सेब के समर्थन मूल्य को साढे़ सात से बढ़ाकर आठ रुपए कर दिया है। गौरतलब है कि एचपीएमसी ने मंत्रिमंडल की बैठक के लिए समर्थन मूल्य साढे़ सात रुपए का प्रस्ताव भेजा था, मगर राज्य सरकार ने बागबानों के हितों को ध्यान में रखते हुए समर्थन मूल्य में 50 पैसे का इजाफा कर दिया है।

279 प्रापण केंद्र बनेंगे

सेब खरीद के लिए इस सीजन के दौरान एचपीएमसी द्वारा राज्य में 279 सेब प्रापण केंद्र स्थापित किए जाएंगे। बागबानों से सेब खरीद कर इन केंद्रों में भंडारण किया जाएगा। एचपीएमसी द्वारा इस मर्तबा प्रापण केंद्रों की संख्या में इजाफा किया गया है, ताकि बागबानों को फसल बेचने के लिए असुविधा का सामना न करना पड़े।