आजादी को पहचानो यारो इसकी कीमत जानो यारो

घुमारवीं – बिलासपुर लेखक संघ की बैठक घुमारवीं के बाबा नाहर सिंह मंदिर में आयोजित की गई। बैठक में सेवावित्त पुलिस अधीक्षक रविंद्र कुमार ठाकुर ने बतौर मुख्यातिथि के रूप में शिरकत की, जबकि बैठक की अध्यक्षता नरेणु राम हितैषी ने की। बैठक में जिलाभर के लगभग 30 कवियों ने भाग लिया। संघ द्वारा प्रकाशित की जाने वाली लोक गाथाएं और झेड़ों की पुस्तक के साथ वार्षिक स्मारिका हेतु लेखकों से लेख आमंत्रित किए गए। बैठक में बिलासपुर के गजेटियर को हिंदी भाषा में अनुवादित करके जनता को समर्पित करने का भी निर्णय लिया गया, ताकि बिलासपुर के इतिहास की इस महत्वपूर्ण पुस्तक को आने वाली पीढि़यां सरल भाषा में पढ़ सकें। बैठक के दूसरे सत्र में कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया। इसमें सर्वप्रथम हेमराज शर्मा ने ‘मैं बैल हूं रोज तिल-तिल मरता हूं’, वीणा वर्धन ने ‘15 अगस्त जो तिरंगा लहराना अजादिया रा नया जश्न मनाना’, विजय सहगल ने लघु कथा ‘पश्चाताप’, लश्करी राम ने ‘व्यास री धरती बिलासपुरा री म्हारी’, जावेद इकबाल ने ‘अल्फाज चुप्पी साधे बस निरंतर तकते’, अमरनाथ धीमान ने ‘बोटा च मिलयां मेरे हाणियां, भीम सिंह नेगी ने ‘हम कायर नहीं’, सीताराम शर्मा ने ‘सुंदर पर्वतराज है तू गिरिराज महान है तू’, विश्वजीत शर्मा ने ‘हम पेड़ उगाते हैं’, रविंद्र चंदेल कमल ने ‘गूंज उठी धरती इंकलाब इंकलाब’, द्वारका प्रसाद ने ‘परम सत्य एक है रूप, जिसके अनेक हैं’, सुरेंद्र मिन्हास ने ‘आजादी को पहचानो यारो इसकी कीमत जानो यारो’, जसवंत सिंह चंदेल ने ‘मैं कवि तो नहीं तुकबंदी की कोशिश करता हूं’, रामलाल शर्मा ने ‘बिटिया यह कह रही है गर्भ से रोते-रोते क्यों होता है कत्ल मां-बाप के होते हैं’, रविंद्र कुमार ने ‘कश्मीर से कन्याकुमारी तक एक ही नारा एक झंडे तले लग रहा है कितना प्यारा’, रूप शर्मा ने ‘पांच अगस्त का दिन इतिहास बना मोदी-शाह ने ऐसा चमत्कार किया था’ चंद्रशेखर पंत ने ‘ शायद यह दुनिया बेहतर हो जाए’, जमुना सांख्यान ने ‘रामराज्य का सपना’, डा. अनेक राम सांख्यान ने ‘लंग गया गोठ प्यारा चंबे रे गद्दिये रा’, बृजराज शर्मा  ने भारतीय संस्कृति के संरक्षण हेतु प्रयास के लिए वक्तव्य, जगदीश चंद्र शास्त्री ने पुराणों के ऊपर चर्चा, बुद्धि सिंह चंदेल ने ‘जय हो शिव शंकर त्रिपुरारी दयावान दाता दुखहारी’, नरैणु राम हितेषी ने ‘आस्तीन का सांप हमने क्यों पाला’ व डा. रविंद्र ठाकुर ने ‘धन्य-धन्य भारत मां तू लेकर दिल से नाम तेरा कोटि-कोटि नमन करें’ कविता प्रस्तुत की। संघ के महासचिव सुरेंद्र मिन्हास ने बताया कि संघ की आगामी बैठक अगले महीने पनोह में आयोजित की जाएगी।