किसानों के उत्पाद को बेहतर मार्केटिंग

शिमला – प्रदेश में किसानों को उनके उत्पाद का बेहतर दाम दिलाने व बेहतर मार्केटिंग सुविधा प्रदान करने के नजरिए से सरकार नया एक्ट बनाने की तैयारी में है। इसका मसौदा तैयार हो गया है और विधानसभा के इसी सत्र में संशोधित विधयेक लाया जाएगा। पुराने विधेयक के तहत सरकार डिवेलपमेंट एंड रेगुलेशन का काम करती थी, लेकिन अब नए विधेयक के तहत सरकार का कृषि विभाग प्रोमोशन एंड फेसिलिटेशन का काम करेगी। सूत्रों के अनुसार गत गुरुवार हुई कैबिनेट की बैठक में इस पर चर्चा नहीं हो सकी, लेकिन विधानसभा से पहले एक और कैबिनेट होगी, जिसमें इसे मंजूरी मिलेगी और मामला विधानसभा में आएगा। जानकारी के अनुसार विधानसभा में संशोधन विधेयक हिमाचल प्रदेश कृषि एवं उद्यानिकी उपज विपणन (विकास एवं विनियमन) एक्ट 2005 की जगह हिमाचल प्रदेश एग्रीकल्चर एंड लाइव-स्टाक मार्केटिंग (फेसिलिटेशन एंड प्रोमोशन) बिल-2019 का ड्रॉफट आएगा। केंद्र के निर्देशों पर प्रदेश कृषि एवं औद्यानिकी उपज विपणन (विकास एवं विनियमन) एक्ट 2005 के स्थान पर मॉडल कृषि एक्ट बनाने की सोची गई है। राज्य के मार्केटिंग बोर्ड ने मॉडल कृषि एक्ट बनाने के लिए बिल का ड्राफ्ट तैयार कर दिया है। सूत्रों की मानें, तो हिमाचल प्रदेश एग्रीकल्चर एंड लाइव-स्टाक मार्केटिंग (फेसिलिटेशन एंड प्रोमोशन) बिल-2019 में डायरेक्टर ऑफ एग्रीकल्चर मार्केटिंग नाम के नए संस्थान बनाने की संकल्पना की गई है। प्रदेश की विपरीत भौगोलिक परिस्थितियों को देखते हुए कृषि उपज एवं विपणन समिति और मार्केटिंग बोर्ड के स्वरूप से छेड़छाड़ नहीं की जाएगी। मॉडल एक्ट के मुताबिक सरकारी मंडियों की रेगुलेशन एपीएमसी करती रहेगी। इनकी लाइसेंसिंग अथॉरिटी भी एपीएमसी के पास होगी, जबकि सड़क किनारे चलने वाली अस्थायी मंडियों की रेगुलेशन और लाइसेंस मार्केटिंग बोर्ड देगा। केंद्र सरकार ने सभी राज्यों को मॉडल कृषि एक्ट विधानसभा में पास करने के निर्देश दे रखे हैं। कुछेक प्रदेशों ने डायरेक्टर एग्रीकल्चर मार्केटिंग का गठन कर दिया है। हिमाचल सरकार मानसून सत्र में इसे लेकर विधानसभा में बिल जाएगा, जिसे यहां पर लागू किया जाएगा। प्रधान सचिव कृषि ओंकार शर्मा ने इसकी पुष्टि की है। उनका कहना है कि किसानों को सुविधाएं देने के नजरिए से इस विधेयक को लाया जाएगा, जिसमें कई रिफॉर्म किए जाएंगे।

धोखाधड़ी करने वालों पर सख्त कार्रवाई का प्रावधान

मॉडल कृषि एक्ट में कोल्ड स्टोर, उपभोक्ता मार्केट, प्राइवेट मार्केट यार्ड, ऑनलाइन मार्केटिंग को बढ़ावा देकर ग्रोवरों से होने वाली धोखाधड़ी रोकने के दावे किए जा रहे हैं। धोखाधड़ी करने वाले ट्रेडरों पर सख्त कार्रवाई का भी मॉडल एक्ट में प्रावधान किया जा रहा है।