कुल्लू दशहरा रामचंद्र के अयोध्या से कुल्लू आने पर आधारित है

कुल्लू के दशहरा उत्सव की ऐतिहासिक और सांस्कृतिक पृष्ठभूमि रामचंद्र जी के अयोध्या से कुल्लू आने पर आधारित है। कुल्लू में दशहरा का शुभारंभ 17वीं शताब्दी में हुआ। कुल्लू नरेश जगत सिंह (1637-1672 ई.) से एक बार किसी ने झूठी शिकायत कर दी कि मणिकर्ण के समीप टिपरी गांव में एक ब्राह्मण, जिसका नाम दुर्गादत्त था, के पास डेढ़ किलो शुद्ध मोती हैं…

गतांक से आगे …

मार्कंडा मेला :

बैसाखी से पिछली रात यहां भी सैकड़ों लोग पहुंचते हैं और सारा रात नाच गान करने के बाद सवेरे ब्रह्ममुहूर्त में मार्कंड पर स्नान करने से अपने को धन्य समझते हैं। ऐसा ही मेला ‘तत्तापानी’ में भी लगता है। इसके अतिरिक्त कांगड़ा, सिरमौर आदि में भी इस दिन कई मेले लगते हैं, परंतु इन मेलों का महत्त्व स्थानीय तौर पर ही है। इसके अतिरिक्त सैर (प्रथम आसूज) के दिन भी निम्न भाग के क्षेत्रों में मेलों का आयोजन होता है, जिनमें हमीरपुर में लदरौर का मेला प्रसिद्ध है, परंतु ये मेले केवल स्थानीय महत्त्व ही रखते हैं।

लोहड़ी :

(प्रथम माघ) के दूसरे दिन जिसे ‘खोहड़ी’ का दिन कहते हैं, में भी कई स्थानों पर होली के दिन भी कांगड़ा आदि के क्षेत्रों में मेले लगते हैं। जिनमें सुजानपुर टीहरा (जिला हमीरपुर) और पालमपुर (कांगड़ा) के मेले प्रसिद्ध हैं जो राजा संसार चंद के समय से चले आए माने जाते हैं। सुजानपुर के मैदान में राजा संसार चंद अपनी जनता के साथ होली मनाया करते थे।

कुल्लू दशहरा :

 कुल्लू के दशहरा उत्सव की ऐतिहासिक और सांस्कृतिक पृष्ठभूमि रामचंद्र जी के अयोध्या से कुल्लू आने पर आधारित है। कुल्लू में दशहरा का शुभारंभ 17वीं शताब्दी में हुआ। कुल्लू नरेश जगत सिंह (1637-1672 ई.) से एक बार किसी ने झूठी शिकायत कर दी कि मणिकर्ण के समीप टिपरी गांव में एक ब्राह्मण, जिसका नाम दुर्गादत्त था, के पास डेढ़ किलो शुद्ध मोती हैं। राजा ने उसे मोती सौंपने को कहा। ब्राह्मण को लगा कि राजा द्वारा उसे उसके परिवार को इस बात के लिए प्रताडि़त किया जाएगा। राजा से भयभीत होकर गरीब ब्राह्मण ने परिवार सहित अपने घर को आग लगाकर आत्महत्या कर ली। ब्राह्मण दुर्गादत्त द्वारा आत्महत्या के अभिशाप के कारण राजा जगत सिंह को खाने में कीड़े तथा पानी में खून दिखाई देने लगा तथा राजा की कनिष्ठिका में कुष्ट रोग के लक्षण उभर आए। राजा पश्चाताप करने लगा।                   -क्रमशः