गलत बयानबाजी कब तक?

— शक्ति चंद राणा, मलघोटा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा धारा 370 को समाप्त करने का जो ऐतिहासिक कदम उठाया है, उससे न केवल भारत, अपितु समूचे विश्व में हमारे मित्र राष्ट्रों और वहां रहने वाले भारतीयों ने दिल से इस नासूर के खत्म होने का स्वागत किया है, लेकिन उत्तर प्रदेश में भाजपा के ही एक विधायक ने अपने बड़बोलेपन का परिचय देते हुए एक बेहद शर्मसार करने वाला विवादित बयान देने का न केवल कुत्सित कार्य किया है, अपितु सभी सभ्य समाज के पुरुषों, महिलाओं, बुद्विजीवियों सहित पार्टी की छवि को भी तार-तार करते हुए विपक्ष को विवाद का बैठे-बिठाए एक मुद्दा दे दिया है। कितना अच्छा हो कि प्रत्येक दल अपने भीतर ऐसी व्यवस्था शघ्र करे, ताकि ऐसे शर्मनाक बयान कोई भी विधायक या सांसद अपनी गंदी जुबान से देकर न पार्टी की ही दिक्कत बढ़ाए, अपितु दूसरों को अपनी तुच्छ सोच से आहत भी न करे। गत चुनाव के दौरान इसी प्रदेश की बड़ी पार्टी के एक नेता ने भी अपनी एक प्रतिद्वंद्वी अभिनेत्री के खिलाफ विवादस्पद बयान दिया था। तिकड़म से टिकट हासिल कर लेने वाले ऐसे हर दल के लोगों की पृष्ठभूमि पता करके ही उन्हें सार्वजनिक जीवन में उतारा जाना चाहिए। इस बड़बोलेपन पर कोई तो नियम बनना ही चाहिए, ताकि हर आदमी ऐसे बयान देने से पहले सौ बार विचार करे।