चच्योट पंचायत में फैला डायरिया

पानी ने लिटाए 30 से ज्यादा ग्रामीण, एक बुजुर्ग की हालत नाजुक

गोहर  – चच्योट पंचायत के अंतर्गत छवाड़, साह, कुफरी, ढदवाहन व चौगान गांव में 30 से अधिक लोग डायरिया की चपेट में आ गए हैं। चिकित्सा विभाग की टीम सूचना मिलते ही प्रभावित क्षेत्र में आवश्यक दवाइयों सहित रवाना हो गई है। डा. गौतम के नेतृत्व में गई इस टीम में कृष्ण कुमार फार्मासिस्ट सहित पैरामेडिकल की टीम में अन्य कर्मचारियों ने डायरिया से पीडि़त लोगों का उपचार करने हेत मौके पर डेरा डाल दिया है। सिविल अस्पताल गोहर के प्रभारी डा. कुलदीप शर्मा ने खबर की पुष्टि की है। 30 लोगों में से करीब 75 वर्षीय रामकली को उसकी नाजुक हालत देखकर लाल बहादुर शास्त्री मेडिकल कालेज व अस्पताल नेरचौक रैफर कर दिया गया है। प्रभावित क्षेत्र के लोगों ने डायरिया फैलने का ठीकरा आईपीएच के अधिकारियों के सिर फोड़ा है। लोगों का कहना है कि उन्होंने कई बार आईपीएच के अधिकारियों को यहां के मेन सोर्स में क्लोरीन डालने का आग्रह किया, लेकिन विभाग ने इस पर कोई कार्रवाई नहीं की। आजकल बरसात के मौसम में गोहर क्षेत्र की अधिकांश पेयजल योजनाओं में कीचड़ युक्त पानी की सप्लाई की जा रही है। गोहर की अधिकांश पेयजल योजनाओं में विभाग अभी तक फिल्टर की व्यवस्था नहीं कर पाया है, जिसे बरसात के मौसम में डायरिया फैलने का अंदेशा हर वक्त बना हुआ है। लोगों ने विभाग के अधिकारियों को चेतावनी देते हुए कहा कि यदि एक सप्ताह के भीतर पेयजल योजनाओं में फिल्टर की व्यवस्था नहीं की गई, तो उन्हें आंदोलन करने में बाध्य होना पड़ेगा, जिसके लिए आईपीएच विभाग पूर्णतयः जिम्मेदार रहेगा। एसडीओ आईपीएच राकेश शर्मा का कहना है कि उन्हें मामले को लेकर जानकारी मिली है। सोमवार को टीम के साथ प्रभावित क्षेत्र का दौरा करेंगे। आजकल लोगों ने मकान निर्माण के लिए जेसीबी मशीनें लगाई हैं, जिससे निकलने वाली मिट्टी सोर्स के पानी को दूषित कर सभी फिल्टर्ज को चोक कर रही है। विभाग तब तक अपनी ऐसी योजनाओं के पानी की आपूर्ति बंद कर देगा, जब तक सोर्स में पानी साफ नहीं हो जाता।