चरस-चिट्टे के 1100 केस दर्ज

इस साल जुलाई तक 734 केस हुए दर्ज, चिट्टे के 366 मामले

शिमला –हिमाचल के युवा नशे की चपेट में आ रहे हैं। गृह विभाग के मुताबिक पहली जनवरी, 2018 से जुलाई 2019 तक नशे के 1356 केस दर्ज हुए हैं, जिसमें सबसे अधिक चरस के 734 और चिट्टे के 366 केस दर्ज हो चुके हैं। हालांकि प्रदेश पुलिस की ओर से जांच एवं कार्रवाई चली है, लेकिन चिट्टे के केस ने सबको हैरान कर दिया। गृह विभाग के मुताबिक डेढ़ साल के अंदर करीब आठ किलो चिट्टे के साथ 366 के खिलाफ मामला दर्ज हुआ है, जिसमें से 216 अदालत और 141 के खिलाफ  पुलिस जांच चली हुई है। इसी तरह एक साल में 455 किलो चरस बरामद की गई, जिसमें से एक साल में 12 आरोपियों को सजा मिल चुकी है। इसी तरह चिट्टे के 366 केस में सात आरोपियों को सजा मिल चुकी है। प्रदेश में चरस और चिट्टे के साथ-साथ अन्य नशे का कारोबार करने वालों के खिलाफ  भी कई केस दर्ज हैं। गृह विभाग के मुताबिक प्रदेश के संवेदनशील एवं अति संवोदनशील क्षेत्रों में इस वित्त वर्ष में 150 सीसीटीवी कैमरे भी लगाए जाएंगे। इसी तरह स्कूल एवं कालेज प्रबंधनों को कैंपस से सौ मीटर के दायरे में सीसीटीवी कैमरे स्थापित करने के भी सख्त निर्देश दिए हैं। हिमाचल जैसे शांत राज्य में मर्डर के मामले भी हर साल बढ़ रहे हैं। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक जनवरी 2018 से 15 जनवरी 2019 तक प्रदेश में सौ मर्डर हो चुके हैं। यानी कुल मिलाकर हर महीने आठ लोगों की हत्या हो रही है। इसी तरह पिछले साल 349 केस बलात्कार के आए हैं। इसी तरह महिला हिंसा के 192 मामले दर्ज हुए हैं। हालांकि प्रदेश सरकार ने कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए हर तरह से पुख्ता इंतजाम किया है, लेकिन क्राइम का ग्राफ भी हर साल बढ़ता जा रहा है। बलात्कार की बात करें, तो एक साल में जितने बलात्कार हुए हैं, उससे साबित हो रहा है कि हर महीने 29 बलात्कार हो रहे हैं।