छात्रों ने जड़ा स्कूल पर ताला

पंचकूला –हमारे भविष्य का क्या होगा। सरकारी स्कूल श्यामसुख के बच्चों ने अपने टीचर से सुबकते हुए कहा तो उनके भी आंसू छलक आए। श्यामसुख के सरकारी स्कूल में अध्यापक ही नहीं अपितु साक्षात भगवान के रूप ने आए स्टाफ  का ट्रांसफर होने की खबर लगते ही बच्चे उन्हें रोकने की कोशिश में थे। शिक्षा विभाग द्वारा शिक्षकों का ट्रांसफर कर दिया गया। इस बात से नाराज विद्यार्थियों ने अपने परिजनों के साथ स्कूल को ताला लगाने का निर्णय कर लिया। बच्चों से जब ताला लगाने के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने अपने शिक्षकों के ट्रांसफर रद्द करवाने की बात कही। विद्यार्थी और शिक्षक के बीच इस तरह का प्रेम देखकर आसपास के गांव के लोग भी हैरान थे। मासूम बच्चों ने शिक्षा विभाग को साफ  शब्दों में दो टूक कह डाला कि उनके उज्ज्वल भविष्य के साथ जो कोई खेलने की कोशिश करेंगे, उसका अंजाम बुरा होगा। इस मौके पर गांव वासियों ने रोष प्रदर्शन करते हुए कहा कि गांव श्यामसुख इलाके का सबसे बड़ा गांव है। 2017 में जब ये स्टाफ  यहां आया उस समय इस स्कूल की हालत ऐसी थी कि यह दसवीं की जगह पांचवी का होने की कगार पर था, यहां मात्र 125 बच्चे थे। पढ़ाई शून्य के बराबर थी। इस स्कूल के मुख्याध्यापक वीरभान के साथ उनकी मेहनती टीम ने इस प्रकार कार्य करना शुरू किया कि वर्ष 2019 में यहां दसवीं क्लास के दो-दो सेक्शन बनाने को मजबूर होना पड़ा और शिक्षा, अनुशासन  व स्कूल की सुंदरता में ऐसे चार चांद खिला दिए कि किसी प्रसिद्ध महंगे प्राइवेट स्कूल भी सरकारी स्कूल के आगे शून्य लगते है। उधर खबर मिलते ही अग्रोहा ब्लॉक के ब्लॉक शिक्षा अधिकारी ज्ञान चंद पहुंचे। शिक्षा अधिकारी ने ग्रामीणों को समझाने का भरपूर प्रयास किया, परंतु ग्रामीण एक ही बात पर अड़े रहे कि हमें किसी से कोई कुछ नहीं सुनना हमारी एक ही मांग है कि ये पूरा स्टाफ  यहां के यहां रहना चाहिए। अन्यथा इस स्कूल में कोई बच्चे पढ़ने नहीं भेजेगा और स्कूल के ताला ही लगे रहेगा।

यह है पूरा मामला

दरअसल श्यामसुख के गांव  में स्थित हाई स्कूल में शनिवार को ही अंग्रेजी की अध्यापिका सुमन का ट्रांसफर होने पर बच्चे बिलखते हुए घर पहुंचे । बच्चों से यह सब कुछ जानने पर पता चला कि सभी अध्यापकों का ट्रांसफर होगा, तो गांव वासी गुस्से में आ गए। स्कूल में 300 के करीब बच्चे शिक्षा ग्रहण कर रहे है।