जल परिवहन के लिए बनेगी पॉलिसी

शिमला – प्रदेश में जयराम सरकार जल परिवहन को बढ़ावा देने के लिए एक सशक्त नीति तैयार करेगी। इसके आधार पर प्रदेश सरकार केंद्र से आर्थिक मदद लेगी, जिसने जल परिवहन क्षेत्र के लिए 50 हजार करोड़ रुपए का प्रावधान किया है। विधानसभा में नियम 130 के तहत विधायक राकेश जम्वाल ने प्रदेश में जल परिवहन के लिए एक सशक्त नीति बनाए जाने की बात उठाई। इस मामले पर परिवहन मंत्री गोविंद सिंह ठाकुर ने कहा कि बेशक हिमाचल प्रदेश में जल परिवहन के लिए बड़ी संभावनाएं हैं, जिस पर पूर्व में कोई कदम नहीं उठाए गए। वर्तमान जयराम सरकार ने इस क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए सोच अपनाई है और नई राहें, नई मंजिलें कार्यक्रम के तहत ऐसे स्पॉट्स को विकसित किया जा रहा है। जल परिवहन की व्यवस्था को तो तत्तापानी से सुंदरनगर के सलापड़ तक एक घंटे में पहुंचा जा सकता है। विशेषज्ञ समिति ने इस क्षेत्र का दौरा किया है, जहां की झील में जल परिवहन की बड़ी संभावनाएं देखी गई हैं। उन्होंने सदन को बताया कि भारत सरकार ने राजपत्र में हिमाचल में चार राष्ट्रीय जल मार्ग अधिसूचित किए हैं। इनमें ब्यास नदी तलवाड़ा बैरेज से हरिके डैम, चिनाव नदी पर चिनाव सड़क ब्रिज से भद्रकलां ब्रिज तक, रावी नदी में गंधियार डैम से रणजीत सागर डैम तक व सतलुज नदी पर सुन्नी सड़क ब्रिज से हरिके डैम तक चिन्हित है। इन जलाशयों के दोहन के लिए टेक्नो इकोनॉमिक फिजीबिलिटी स्टडी करवाने के बाद प्रारूप तैयार किया जाएगा। आने वाले समय में सरकार इसे डिवेलप करेगी। इससे पूर्व नियम 130 में राकेश जम्वाल ने कहा कि सालों से देश में जल परिवहन  क्षेत्र उपेक्षित रहा है, लेकिन केंद्र में मोदी सरकार के बनने के बाद इसके विकसित करने पर ध्यान दिया गया है। नगरोटा विधानसभा क्षेत्र की सभी पंचायतें बाह्या शौच मुक्त बन गई हैं। विधायक अरुण कुमार द्वारा पूछे गए एक लिखित सवाल के लिखित जवाब में ग्रामीण विकास एवं पंचायतीराज मंत्री वीरेंद्र कंवर ने यह जानकारी दी। वहीं, दूसरी तरफ रोहडू़ के विधायक मोहन लाल ब्राक्टा द्वारा पूछे गए एक लिखित सवाल के लिखित जवाब में मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि प्रधानमंत्री उज्ज्वल योजना के तहत जिला शिमला में 2125 लाभार्थियों को गैस कनेक्शन व सिलेंडर आबंटित किए गए। 

हाई पावर कमेटी बनाएं

विधायक राकेश पठानिया ने कहा कि वह इस महत्त्वपूर्ण मांग का समर्थन करते हैं। इसके लिए एक हाई पावर कमेटी का गठन किया जाना चाहिए, जो अपनी रिपोर्ट सरकार को दे। इससे राज्य में पर्यटन विकसित होगा और जल परिवहन से प्रदेश में रेवोल्यूशन आ सकता है। सरकार को गंभीरता से इस पर अध्ययन करना चाहिए, क्योंकि यह प्रदेश के लोगों के लिए एक सस्ता ट्रांसपोर्ट सिस्टम होगा। मोदी सरकार ने 50 हजार करोड़ रुपए का प्रावधान इस क्षेत्र के लिए रखा है।

बढ़ेंगे बिजनेस के ऑप्शन

विधायक सुभाष ठाकुर ने कहा कि गोंबिदसागर झील 63 किलोमीटर लंबी है। भाखड़ा से सलापड़ तक 170 प्राइवेट बोट चलते हैं। एक हजार लोग रोजाना यहां बोट के माध्यम से जाते हैं। यह झील बिलासपुर से ऊना तक को जोड़ती है। उन्होंने कहा कि कोलडैम बनने के बाद यहां के लोगों को जल परिवहन की सुविधा सुचारू रूप से नहीं मिल पा रही है, जिससे लोग परेशान हैं। सरकार वाटर ट्रांसपोर्ट के लिए सशक्त नीति बनाती है, तो यहां स्वरोजगार भी बढ़ेगा। उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस ने बिलासपुर के मछुआरों की उपेक्षा की है। उन्होंने सुन्नी से सलापड़ रूट को विकसित करने की मांग उठाई।

दूर होगी बेरोजगारी

विधायक जीतराम कटवाल ने भी जल परिवहन से प्रदेश में क्रांतिकारी परिवहन आने की बात कही। उन्होंने कहा कि लोगों का रोजगार इससे जुड़ेगा और यहां बेरोजगारी की समस्या का भी कुछ समाधान हो सकेगा। राज्य में कई ऐसे स्थल हैं, जहां जल परिवहन की सेवाएं दी जा सकती हैं। विधायक होशियार सिंह ने भी इस पर अपने विचार रखे और कहा कि जल परिवहन के शुरू होने से डीजल व पेट्रोल की खपत भी हो सकेगी, वहीं सड़कों पर निर्भरता कम होगी।