डिपो में विटामिन मिलाकर दें आटा

फ्लोर मिल संचालकों को फूड फोर्टिफिकेशन के तहत निर्देश

मंडी – डिपो में मिलने वाले आटे में अब विटामिन भी मिलाई जाएंगी। पीडीएस (पब्लिक डिस्ट्रीब्यूशन सिस्टम) के तहत आटा सप्लाई करने वाले फ्लोर मिल संचालकों के लिए फूड फोर्टिफिकेशन जरूरी कर दी गई है। फूड फोर्टिफिकेशन के लिए फिलहाल नमक, गेहूं, चावल, दूध और  तेल शामिल किए गए हैं, लेकिन पीडीएस में आटा सप्लाई करने वाले संचालकों के लिए फोर्टिफिकेशन को आवश्यक कर दिया गया है। अब फ्लोर मिल संचालकों को मैन्युफेक्चरिंग में ही आटे में फोलिक एसिड, आयरन, और बी-12 जैसे माइक्रो न्यूट्रेंट्स शामिल करने होंगे। दरअसल यह अभियान भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण द्वारा शुरू किया गया है। इसमें पांच खाद्य पदार्थों को फोर्टिफाइड यानी सुदृढ़ किया जाना है। अब पीडीएस में आटा सप्लाई करने वाले फ्लोर मिल संचालकों को फोर्टिफाइड आटा ही देना होगा। खाद्य पदार्थों को फोर्टिफाई करने में प्रतिकिलो की लागत पर दो से सात पैसे का ही इजाफा होता है। फ्लोर मिल संचालकों को विभाग ही विशेष ट्रेनिंग करवाएगा। उधर, जो भी खाद्य पदार्थ फोर्टिफाइड रहता है, उसके पैकिंग कवर पर एफ+ का निशान लिखा होता है।

क्या है फूड फोर्टिफिकेशन

फूड फोर्टिफिकेशन में मैन्युफेक्चरिंग लेवल पर खाद्य पदार्थ में वे माइक्रो न्यूट्रेंट्स शामिल किए जाते हैं, जिनकी कमी से बीमारियां लगने की संभावना ज्याद रहती है। दूध और तेल में विटामिन ए व डी, गेहूं के आटे और चावल में फोलिक एसिड, आयरन, बी-12 और नमक में आयरन की फोर्टिफिकेशन की जाती है।