तारीख की मोहताज नहीं देशभक्ति

—जितेंद्र गुप्ता, आनी

पूरे भारतवर्ष की तरह आनी में भी पूरे जोश-ओ-खरोश के साथ भारत की आजादी का 73वां पर्व मनाया गया। तिरंगे की शान में गाए जाने वाले हर गीत, बोली जाने वाली हर कविता, बोले गये हर बोल, ठोंके गए हर सलाम पर भावुक हुए बिना रह पाना मुश्किल ही नहीं नामुमकिन है। देशभक्ति है साहिब तारीखों पर जागती है, हम यह क्यों नहीं जान लेते कि देश भक्ति किसी तारीख की मोहताज नहीं होनी चाहिए। 15 अगस्त हो या 26 जनवरी या फिर शहीदी या विजय दिवस, केवल इसी दिन हर देशवासी देशभक्ति के संदेश भेजे, ऐसी परम्परा त्याग दी जानी चाहिए।  हर देशवासी को हर दिन अपने देश के लिए ऐसा कुछ करना चाहिए कि देश के प्रति हमारी भक्ति सच में ही जाहिर हो सके। अगर हम अपने देश के लिए कुछ भी सोचते हैं, रोज सोचते हैं तो हम सही मायनों में देश के लिए कुर्बान हुए हर स्वतंत्रता सेनानी, हर फौजी के हर एक खून के कतरे का हक अदा कर पाएंगे और अगर हम नाइंसाफी, भ्रष्टाचार और सरकारी धन के दुरुपयोग के भागीदार बन रहे हैं तो हम देश के नमक के साथ नमकहरामी कर रहे हैं।