द्रड्डा-चनेड़ सड़क…सावधानी हटी तो दुर्घटना घटी

रफ्तार में सड़क की ढलान को नहीं समझ पा रहे ड्राइवर, हो रहे अनहोनी का शिकार

चंबा –चनेड़ से द्रड्डा एनएच 154-पर…थोड़ी सी सावधानी हटी तो दुर्घंटना घटी। चंबा पठानकोट बनीखेत एनएच मार्ग पर बीच में आने वाले चनेड़ से द्रड्डा तक करीब आठ किलोमीटर सड़क मार्ग पर मौत हर समय घात लगाए बैठी है। लिहाजा यह सफर खूनी बनता जा रहा है। मार्ग पर बेझिझक होकर गाड़ी दौड़ा रहे वाहन चालक रफ्तार में सड़क  की ढलान को न भांप पाने के चलते अनहोनी को अंजाम दे रहे हैं। वहीं दिन-रात लंंबी ड्राइव के बाद ढलानदार मार्ग पर पहुंच थके-हारे चालक अनुभव से भी गच्चा खा रहे हैं। शुक्रवार अल सुबह उपरोक्त मार्ग पर चाहला नामक स्थान पर हुआ हादसा कोई पहला हादसा नहीं है। इससे पहले भी इन्हीं क्षेत्रों में कइयों को गहरे जख्म मिले हैं। डेढ माह पहले सात जुलाई को कांदू के  पास आल्टो कार के सड़क से उतर जाने से उसमें सवार एक व्यक्ति की मौत हो गई थी, जबकि उसमें सवार तीन अन्य घायल हो गए थे। पिछले साल दिसंबर माह में इसी सड़क मार्ग पर कांदू के समीप दुल्हा-दुल्हन की गाड़ी के सड़क से नीचे उतर जाने से भी एक महिला की मौत हो गई जबकि बाकी पांच को गहरी चोटें आई थीं। बारात जम्मू कश्मीर के बसोली से शादी की रास्में निभाने के बाद चंबा आ रही थी। इससेे कुछ दिन पहले भी कांदू के समीप ही एक गाड़ी के सड़क से नीचे उतर जाने से दो लोगांे की मौके पर ही मौत हो गई थी। जिला चंबा से संबंध रखने वाला युवा फौज से छुट्टी घर आया था। पठानकोट एनएच पर कांदू के पास पहुंचने पर उनकी बेटी को उल्टी आई। गाड़ी ड्राइव करते वक्त शीशे मंे उल्टी कर रही बेटी की तरफ जैसे ही नजर दौड़ी गाड़ी सड़क से नीचे उतर कर गहरी खाई में जा समाई। दुर्घटना में लड़की सहित उसके एक अन्य रिश्तेदार को गंभीर चोटें आई थीं जबकि दो की मौत हो गई थी।  अब शुक्रवार अल सुबह करीब साढ़े चार बजे चाहला नामक स्थान पर मणिमहेश यात्रियों की गाड़ी दुर्घटनाग्रस्त हो जाने से उसमें सवार दो लोगांे की मौत हो गई जबकि सात लोग घायल हुए हैं जो मेडिकल कालेज में उपचाराधीन हैं। इसके अलावा भी मार्ग पर कई घटनाएं घटित हो चुकी हैं। चनेड़ द्रड्डा सड़क मार्ग पर हो रही घटनाओं के चलते वाहन चालकों के अलावा टैक्सी यूनियनों, स्थानीय लोगों एवं बुद्धिजीवियों ने विभाग से उपरोक्त सड़क मार्ग पर सड़क किनारे बैरिकेड्स लगाने की मांग उठाई थी। लेकिन अभी तक बैरियर नहीं लग पाए हैं। अब लोग इस पर सवाल खड़े करने लगे हंै कि अगर मार्ग किनारे क्रैश बैरियर होते तो हादसा टल सकता था। हालांकि विभाग की ओर से उक्त मार्ग विभिन्न स्थानों पर क्रैश बैरियर लगाने का बीड़ा उठाया है, लेकिन अभी भी कई संवेदनशील स्थान इससे वंचित हैं।