न बदलें भर्ती-पदोन्नति नियम

प्रदेश विज्ञान अध्यापक संघ ने प्रदेश सरकार से उठाई मांग

पांवटा साहिब – हिमाचल प्रदेश विज्ञान अध्यापक संघ ने प्रदेश सरकार को स्पष्ट तौर पर कहा है कि वह भर्ती एवं पदोन्नति नियमों में बदलाव को किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं करेंगे। संघ के प्रदेश प्रधान अजय शर्मा, महासचिव अमृत महाजन, कार्यकारी अध्यक्ष मनोज पाल सिंह परिहार, वरिष्ठ उपप्रधान सुरेंद्र कश्यप, प्रदेश सचिव लच्छी राम ठाकुर, कोषाध्यक्ष राजकुमार पराशर, महिला विंग प्रधान अनुप्रिया, महासचिव शालू परमार सहित सभी जिलों के अध्यक्षों ने कहा है कि प्रधानाचार्य पद हेतु वर्तमान 1992 के भर्ती एवं पदोन्नत्ति नियमों के साथ किसी भी प्रकार की छेड़छाड़ न की जाए। प्रदेश प्रधान अजय शर्मा ने कहा है कि प्रशिक्षित अध्यापक संवर्ग, सी एंड वी अध्यापक वर्ग और जेबीटी अध्यापक वर्ग के हित सीधे-सीधे प्रधानाचार्य पद पर पदोन्नति से समाहित हैं, जो कि मुख्याध्यापक पद का फीडर कैडर है तथा जिनकी संयुक्त संख्या लगभग 45 से 50 हजार है। इनके हितों को सुरक्षित रखते हुए प्रधानाचार्य पदोन्नति हेतु मुख्याध्यापकों तथा प्रवक्ताओं के 50ः50 कोटे को टीजीटी कैडर के पक्ष में मुख्याध्यापकों का कोटा 50 प्रतिशत से बढ़ाकर पुराने पैटर्न पर 60 प्रतिशत किया जाए। प्रधान अजय शर्मा ने कहा कि उक्त आशय की मांग को प्रशिक्षित अध्यापक संवर्ग, जिसमें मुख्याध्यापक व इंस्पेक्शन वर्ग, पदोन्नत प्रवक्ता संघ, विज्ञानाध्यापक संघ तथा प्रशिक्षित कला अध्यापक संघ का संयुक्त प्रतिनिधिमंडल मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर और शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज से मिल चुका है। उस समय मुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री ने प्रतिनिधिमंडल को आश्वासन किया था कि प्रधानाचार्य पद के 1992 के भर्ती एवं पदोन्नति निमयों विशेषकर पदोन्नति कोटे में कोई फेरबदल नहीं किया जाएगा। महासंघ सरकार से उम्मीद करता है कि उक्त नियमों के कोई फेरबदल न किया जाएगा।