प्रदेश के डिपो होल्डर्ज पर मांगा जवाब

दिक्कतों को लेकर सरकार ने खाद्य व आपूर्ति विभाग को रिपोर्ट देने के दिए आदेश

हमीरपुर – लंबे समय से कमीशन बढ़ाने की मांग कर रहे प्राइवेट डिपो होल्डर व सेल्समैन की तंगहाली को देखते हुए सरकार ने खाद्य एवं आपूर्ति विभाग से जवाब मांगा है। विभाग को इसकी रिपोर्ट जल्द से जल्द सीएम कार्यालय को देने को कहा गया है। बता दें कि प्रदेश डिपो संचालक समिति का एक प्रतिनिधिमंडल डिपोधारकों व सहकारी सभाओं के विके्रताओं की समस्या को लेकर 14 जुलाई को सिराज विधानसभा क्षेत्र में प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर से मिला था। प्रदेश सरकार ने अब खाद्य आपूर्ति विभाग को मामले में जांच करने के निर्देश दिए हैं और इसकी रिपोर्ट जल्द से जल्द सीएम कार्यालय को देने को कहा गया है। गौरतलब है कि प्रतिनिधिमंडल की मुख्य मांगों में डिपोधारकों को एपीएल के राशन पर मात्र तीन प्रतिशत कमीशन मिल रही है, उससे कहीं अधिक तो डिपोधारकों को दुकान का किराया देना पड़ता है। दूसरी ओर प्रदेश की 90 फीसदी सहकारी सभाएं भी अपने व्रिकेताओं को 500 रुपए से लेकर दो हजार रुपए मासिक वेतन दे रही हैं। इतने कम कमीशन व वेतन से परिवार का पालन-पोषण करना संभव नहीं है। अतः हमें भी जे एंड के, केरल, गोवा व तमिलनाडु सरकारों की तर्ज पर सरकारी कर्मचारी घोषित किया जाए। खाद्यापूर्ति निगम के प्रदेश भर में 90 फीसदी गोदामों से डिपोधारकों को राशन तोलकर नहीं दिया जाता है, जिससे डिपो धारकों को राशन पूरा करना मुश्किल हो रहा है। कारपोरेशन डिपोधारकों से वारदाने के पैसे वसूल करती है, जबकि एफसीआई कारपोरेशन को वारदाना फ्री में देती है। अतः डिपोधारकों को भी वारदाना फ्री में दिया जाए। निजी डिपोधारकों व सहकारी सभाओं को 2013 से लेकर 2017 तक एनएफएसए के राशन पर बढ़ा हुआ 27 महीनों का कमीशन केंद्र सरकार के पास लंबित पड़ा है। अतः केंद्र सरकार के पास हमारा पक्ष रखकर हमें यह कमीशन दिलाया जाए। वहीं प्रदेश डिपो संचालक समिति के प्रदेशाध्यक्ष अशोक कवि ने बताया कि प्रदेश सरकार के ज्वाइंट सेके्रटरी ने खाद्य आपूर्ति विभाग के प्रिंसीपल सेके्रटरी को जल्द से जल्द मामले में जांच के आदेश दिए हैं और इसकी रिपोर्ट तुरंत सीएम कार्यालय को भेजने को कहा गया है। ऐसे में अब उनकी मांगें जल्द पूरी होने की उम्मीद जगी है।