फाइव-डे वीक हरगिज मंजूर नहीं, काम पर पड़ेगा असर

प्रदेश सरकार भले ही फाइव डे वर्किंग वीक का प्रस्ताव पर्यटन की दृष्टि से बना रही हो, लेकिन ऊना में कुछ सरकारी नौकरी करने वाले कर्मचारी इससे कार्य से थोड़ा रिलेक्स होने के लिए अच्छा मान रहे हैं, लेकिन कुछ कर्मचारी इसको निकार रहे है। कर्मचारियों का मानना है कि अगर भारत सरकार की तरह हिमाचल में भी ऐसा हो जाता है, तो इससे कर्मचारियों का मानसिक तनाव भी कम होगा। ऊना में आमजन में चर्चा का विषय बने इस मसले पर ‘दिव्य हिमाचल’ ने कर्मचारियों की नब्ज टटोलने की कोशिश की। इस दौरान प्रदेश के अग्रणी मीडिया हाउस के समक्ष मुलाजिमों ने खुलकर अपनी राय रखी। किसने, क्या कहा, बता रहीं हैं….

फाइव डे वर्किंग वीक नहीं होना चाहिए

राजिंद्र

भारतीय वायु सेना से सेवानिवृत्त राजिंद्र शर्मा का कहना है कि फाइव-डे वीक नहीं होना चाहिए। क्योंकि सरकारी विभागों में पहले ही स्टाफ की काफी कमी चल रही है और कई कार्य वर्षो से लटके पड़े हैं। यदि फाइव-डे वीक होगा तो आम जनता के काम ओर ज्यादा समय तक लटकेंगे।

फाइव-डे वर्किंग वीक होना चाहिए

अमनदीप

पूबोवाल के अमनदीप सिंह का कहना है कि सरकारी व निजी दोनों क्षेत्रों में फाइव-डे वीक होना चाहिए। क्योंकि फाइव-डे वीक से अधिकारियों व कर्मचारियों की सेहत अच्छी रहेगी। दिमागी तौर पर परेशानी नहीं होगी और काम की प्रोडक्टिविटी भी बढे़गी।

विकास कार्यों पर पड़ेगा फर्क

संदीप

अध्यापक संदीप सिंह मान का कहना है कि फाइव-डे वीक नहीं होना चाहिए। सरकारी विभागों में पहले ही काफी छुट्टियां होती हैं। यदि एक महीने में आठ छुट्टियां होंगी तो कार्यों में भी लेट लतीफी होगी।

कर्मी नहीं करते पूरा समय काम

नीतिश

नेहरू युवा क्लब दुलैहड़ के प्रधान नीतिश शर्मा का कहना है कि सरकारी क्षेत्र में एक सप्ताह के दौरान पांच कार्यदिवस नहीं होने चाहिए। इनका कहना है कि सरकारी अधिकारियों व कर्मचारियों को वेतन के साथ-साथ विभिन्न प्रकार के भत्ते भी मिलते हैं और हर सरकारी छुट्टी मिलती हैं। कई-कई सरकारी कर्मचारी तो ऐसे हैं जो समय पर पूरा कार्य नहीं कर पाते हैं। 

टाइम में हो बदलाव

अनिल

एनआरआई अनिल वर्मा कहते हैं कि अगर फाइव-डे वीक करना है तो कार्यस्थल में कार्य करने की समय सीमा सुबह नौ से शाम छह बजे तक होनी चाहिए। क्योंकि एक दिन का जो कार्यदिवस कम किया गया है, उसकी भरपाई इन पांच दिनों में हो जाए।

जतना परेशान

संदीप

ऊना के केमिस्ट संदीप कश्यप का कहना है कि वे सरकारी विभागों में फाइव-डे वीक के पक्ष में नहीं हैं। सरकारी विभागों में वैसे ही काफी छुट्टियां होती हैं। अगर फाइव-डे वीक होगा तो आम जनता को परेशानी का सामना करना पड़ेगा।