भोले-भाले लोगों को ‘तेल’ लगा रहे डाक्टर

हमीरपुर  – प्रदेश की जनता इलाज के नाम पर कभी झोलाछाप डाक्टरों द्वारा ठगी जाती है, तो कभी गली-कूचों में बैठे अवैध डाक्टरों द्वारा। मनमानी फीस लेकर जनता की दुखती नब्ज पर ऐसे कथित डाक्टर हाथ रखते हैं। जिला मुख्यालय के पास भोटा चौक में भी करीब दो महीने से एक संस्था द्वारा सबकी आंखों में धूल झोंककर ऐसे धंधे को अंजाम दिया जा रहा है। इस संस्था द्वारा यहां न कोई अस्पताल खोला गया है, न ही अपने डाक्टर बिठाए गए हैं। बस सप्ताह में एक बार दो से तीन डाक्टर चुपचाप आते हैं और पांच से छह घंटे तक एक हाल में मरीजों का चैकअप करते हैं, पैसा वसूलते हैं और चले जाते हैं। इसकी खबर न तो जिला प्रशासन को है, न ही स्वास्थ्य महकमे को। कोई नहीं जानता कि ये कहां से आते हैं और कहां चले जाते हैं। न तो इन्होंने कहीं अपना संपर्क नंबर दे रखा है, न ही एड्रेस। ये मरीजों से नंबर लेते हैं और आने से पहले उन्हें कॉल की जाती है कि हम इस दिन इतने बजे आ रहे हैं। ‘दिव्य हिमाचल’ ने जब मामले की पड़ताल की, तो पाया गया कि ये घुटनों की दर्द से परेशान मरीजों को दवाई और तेल मालिश के लिए देते हैं। यहां छह से सात महीने में घुटनों का मर्ज ठीक करने का दावा किया जाता है। प्रत्येक मरीज को 15 दिन की दवाई दी जाती है, जिसका खर्च 1890 रुपए के आसपास होता है। हर बार यहां डाक्टर बदल-बदल कर भेजे जाते हैं। ये सुबह के समय अपना काम निपटा लेते हैं और दोपहर बाद दो बजे तक यहां टिकते हैं।

भीड़ में कुछ लोग प्रशंसा के लिए

सप्ताह के एक दिन लगने वाले इस चैकअप कैंप में घुटनों की दर्द से परेशान सैकड़ों की तादाद में मरीज पहुंचते हैं। ऐसा भी बताया जा रहा है कि मरीजों की इस भीड़ में कुछ लोग ऐसे भी होते हैं, जो संस्था के इलाज और उनकी दवाइयों और तेल की बहुत प्रशंसा करते हैं कि उन्हें इतना फर्क पड़ा, उनके रिश्तेदारों को फर्क पड़ा। सूत्रों की मानें, तो ये लोग संस्था के ही होते हैं, जिनको ऐसा करने के लिए पैसे दिए जाते हैं।