मस्जिद बनाने को ढहाया था मंदिर 

नई दिल्ली – अयोध्या मामले की सुनवाई का मंगलवार को 8वां दिन था। रामलला के वकील सीएस वैद्यनाथन ने विवादित ढांचा के नीचे प्राचीन मंदिर को साबित करने के लिए इलाहाबाद हाई कोर्ट में पेश की गवाहियों का हवाला दिया। सुनवाई के दौरान रामलला विराजमान ने कहा कि विवादित ढांचा या तो मंदिर के अवशेष पर स्थापित किया गया या उसे ढहाकर। सीएस वैद्यनाथन ने राममंदिर के अस्तित्व को साबित करने के लिए कई हिंदू गवाहों की गवाही का हवाला तो दिया ही, इसके साथ ही इलाहाबाद हाई कोर्ट में मुस्लिम पक्ष की ओर से पेश कई मुस्लिम गवाहों के बयान के हिस्सों को भी कोर्ट के सामने पढ़ा। वैद्यनाथन ने कहा कि इन गवाहों ने खुद माना है कि जिस जगह को मुस्लिम लोग बाबरी मस्जिद कहते हैं वे हिंदुओं द्वारा जन्मभूमि के तौर पर जानी जाती है और यहां सदियों से पूजा-परिक्रमा की भी परंपरा रही है। वैद्यनाथन ने मुस्लिम गवाह मोहम्मद हाशिम के बयान का हवाला देते हुए कहा कि हाशिम ने अपनी गवाही में माना है कि जैसे मक्का मुसलमानों के लिए पवित्र है वैसे ही हिंदुओं के लिए अयोध्या। इसके अलावा एक मुस्लिम गवाह यासीन ने जिरह में माना है कि मंदिर को खत्म कर मस्जिद नहीं बनाई जा सकती और अगर ऐसी कोई मस्जिद बनती है तो वहां अता की गई नमाज वैध नहीं है। इनके अलावा वैद्यनाथन ने कई ऐसे हिंदू गवाहों की गवाहियों का जिक्र किया जो यहां अकसर दर्शन के लिए आते रहते है या फिर यहां लंबे समय से रह रहे हैं।