महासंघ की गुटबाजी में पिस रहे कर्मी

एक-दूसरे को पछाड़ने में लगे एनआर; अश्वनी, विनोद गुट, दिक्कतें अनसुलझी

ऊना – हिमाचल अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ में छिड़ी गुटबाजी के खामियाजे की गाज कर्मचारियों पर गिर रही है। कोई भी गुट कर्मचारियों की मांगों को लेकर गंभीर नहीं दिख रहा है। केवल मात्र कुर्सी को लेकर ही एक-दूसरे को पछाड़ने में लगे हुए हैं। प्रदेश में हिमाचल अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ के एक या दो नहीं, बल्कि अब तो तीन गुट सक्रिय हो गए हैं। एनआर गुट, अश्वनी गुट, विनोद गुट कर्मचारियों की समस्याओं को सुलझाने के दावे तो कर रहे हैं, लेकिन उसके बावजूद कर्मचारियों की समस्याओं का स्थायी समाधान नहीं हो पाया है। तीनो गुटों ने अपने-अपने कर्मचारियों को एकत्रित करके अपनी-अपनी ताजपोशी करवा ली है, लेकिन इन गुटों की गुटबाजी का खमियाजा प्रदेश के अढ़ाई लाख कर्मचारी भुगत रहे हैं। गुटबाजी की बजह से ही महासंघ सरकार के दरबार में मान्यता की जंग लड़ रहा है। उधर, हिमाचल अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ जिला ऊना के प्रधान रमेश सिंह ठाकुर ने कहा कि प्रदेश अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ में बढ़ रही गुटबाजी का खामियाजा कर्मचारियों को भुगतना पड़ रहा है। इस ओर उचित कदम उठाए जाने चाहिएं। उन्होंने मांग की है कि जब तक प्रदेश के तीनों गुट इकट्ठे नहीं होते तब तक जिला ऊना मान्यता प्राप्त महासंघ है। प्रदेश की संयुक्त सलाहकार समिति की बैठक जिला ऊना के साथ करवाई जाए, ताकि कर्मचारियों की प्रदेश स्तर की मांगों पर चर्चा हो सके।

जेसीसी मीटिंग नहीं, तो कैसे समाधान

कर्मचारियों की मांगों को सरकार तक पहुंचाने के लिए अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ का अहम योगदान रहता है। जेसीसी की होने वाली बैठकों में कर्मचारियों के समस्याओं और मांगों पर चर्चा होती है। कई ऐसे जिले हैं, जहां पर अभी तक जेसीसी की बैठक ही नहीं हो पाई है। ऐसे में कर्मचारियों की समस्याओं का समाधान कैसे हो पाएगा। हालांकि सरकार के पास पहुंचने वाली कर्मचारियों की शिकायतों का समाधान भी सरकार की ओर से किया जाता है, लेकिन गुटबाजी पूरी तरह से हावी हो चुकी है।