यहां बीच रास्ते में ही दम तोड़ रहे मरीज

सलूणी –उपमंडल की दूरस्थ भडेला व खड़जौता पंचायत के दर्जनांे गांवों के लोगों का सड़क सुविधा से जुड़ने का सपना साकार नहीं हो पाया है। ग्रामीण आज भी कई किलोमीटर का पैदल फासला तय करके रोजमर्रा की जरूरत की वस्तुओं पर पीठ पर लादकर घर पहंुचाने को मजबूर हैं। आपातकाल में स्थिति ओर भी बदतर हो जाती है जब मरीज को पीठ या पालकी में लादकर मुख्य मार्ग तक पहंुचा पडता है। कई मर्तबा समय पर चिकित्सीय सुविधा न मिलने से मरीज बीच राह में दम तोड़ रहे हैं। ग्रामीण देसो, मनोहर, पवन कुमार, बालक, कृष्ण, जीत कुमार, निधिया राम, टेक चंद, चनालू राम, भरथू राम, राजेश कुमार, नरेंद्ग कुमार, द्गेम लाल, चंद राम, सुरेंद्ग कुमार व नेक राम आदि का कहना है कि भडेला व खडजौता पंचायत के मचनोटी, लाहरा, सागला, बलवास, गंभीर व अंदवास आदि गांव सड़क सुविधा से नहीं जुड पाए है। उन्होंने बताया कि इन पंचायतों की आबादी तीन से चार हजार के बीच है। ग्रामीणों का कहना है कि सरकारी स्तर पर इन गांवों को सड़क सुविधा से जोड़ने के लिए आज दिन तक कोई गंभीर प्रयास नहीं किए गए हैं। जिस कारण यह गांव पिछडे़पन का शिकार होकर रह गए हैं। ग्रामीणों ने बताया कि इन पंचायतों में सेब, आलू व मटर की नगदी फसल काफी मात्रा में होती है, मगर सड़क न होने से इन फसलों को मंडियों तक पहंुचाने के लिए आने वाले भारी भरकम खर्च से मुनासिब लाभ नहीं मिल पा रहा है। ग्रामीणों ने जल्द सडक सुविधा से अछूते गांवों को सडक से जोड़कर इलाके में विकास का अलख जगाने का आग्रह किया है। उधर, लोक निर्माण विभाग सलूणी मंडल के एक्सईएन पीसी शर्मा का कहना है कि सड़क निर्माण में निजी भूमि आडे़ आ रही है। उन्होंने लोगों से स्वेच्छा से भूमि को विभाग के नाम करने को कहा है ताकि आगामी सकारात्मक कार्रवाई अमल में लाई जा सके।