युवाओं को फ्री ट्रेनिंग, फिर नौकरी

रोजगार के लिए तैयार किए जाएंगे चार हजार ग्रामीण युवा, शॉर्ट लिस्ट 17 कंपनियां देंगी पूरा प्रशिक्षण

शिमला – प्रदेश के चार हजार ग्रामीण युवाओं को इस साल व्यावसायिक ट्रेनिंग दी जाएगी। केंद्र की मोदी सरकार ने दीन दयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल योजना के तहत चार हजार ग्रामीण युवाओं को व्यावसायिक प्रशिक्षण दिए जाने का लक्ष्य तय किया है। यह लक्ष्य हासिल करने के लिए ग्रामीण विकास विभाग ने 17 कंपनियों को शार्ट लिस्ट कर दिया है। विभाग इस महीने के अंत तक इन कंपनियों के साथ एमओयू साइन करेगा। इस योजना के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले युवाओं को छह अलग-अलग ट्रेड में व्यावसायिक प्रशिक्षण दिया जाएगा। युवाओं का चयन करना और उन्हें रोजगार के लिए तैयार करने की सारी जिम्मेदारी कंपनियों की ही रहेगी। कंपनियां ही ग्रामीण क्षेत्रों में योजना का प्रचार-प्रसार कर युवाओं को पंजीकृत करेंगी। ग्रामसभा की बैठकों में युवाओं को योजना के बारे में बताया जाएगा। योजना से पंजीकृत करवाने के लिए कंपनी ऑनलाइन पंजीकरण की सुविधा भी देगी, ताकि अधिक से अधिक युवा अपने आप को इस योजना से जोड़ सके। इसके अलावा योजना से युवाओं को जोड़ने के लिए कंपनियां पंचायतों में कैंप भी लगवाएंगी। इसमें उन्हें उन सभी ट्रेड की जानकारी दी जाएगी, जिसमें युवा व्यावसासिक प्रशिक्षण ग्रहण कर उन्हें रोजगार के लिए तैयार किया जा सके। योजना में युवाओं की प्लेसमेंट की भी सारी जिम्मेदारी कंपनियों की रहेगी। शहरी क्षेत्र की तर्ज पर ग्रामीण क्षेत्र के युवाओं के कौशल को बढ़ाने के लिए विभाग ने अपने प्रयास तेज कर दिए है।

प्रदेश में पांच जगह प्रशिक्षण केंद्र खोलेगी सरकार

योजना के तहत युवाओं को व्यावसायिक प्रशिक्षण देने के लिए प्रदेश में पांच अलग अलग जगह प्रशिक्षण केंद्र खोले जांएगे। इसमें ऊना, चंबा, सिरमौर, कांगड़ा और मंडी में ये ट्रेनिंग सेंटर खोले जाएंगे, ताकि संबंधित क्षेत्र के युवा आसानी से ट्रेनिंग ले सके। यहां पर उन्हें निःशुल्क प्रशिक्षण दिया जाएगा। रहने और खाने की व्यवस्था भी निःशुल्क होगी। इसमें जो युवा किसी कंपनी या उद्योगों में काम करना चाहेगा, कंपनी उसे नौकरी भी दिलाएगी। जो युवा अपना खुद का काम शुरू करना चाहेगा, कंपनी उसके इस काम के लिए पूरी मदद करेगी।