रामपुर में ढारे पर गिरा पेड़, मां-बेटी की मौत

रामपुर बुशहर – लगातार हो रही बारिश अब जान की दुश्मन बनने लगी है। मंगलवार को दोफदा के बाजवा के जंगल में बरसात मौत बनकर बरसी। यहां पर गुर्जरों का अस्थायी ढारा बना हुआ था। लगातार बारिश के चलते अचानक ढारे के समीप भू-स्खलन हुआ और एक बड़ा पेड़ ढारे पर गिर गया, जिससे ढारे में मौजूद सात लोगों में से मां-बेटी की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि तीन अन्य घायल हो गए। मरने वालों में गांव दरशाल तकलेच निवासी मीर हमजा की पत्नी जतून बौर बेटी सायरा बानो शामिल हैं, जबकि घायलों में बशीर पुत्र शुक्र दीन गांव दत्तनगर, मीरा पुत्री मीर हमजा और सामया पुत्री बशीर शामिल हैं। इन सभी को इलाज के लिए महात्मा गांधी चिकित्सा परिसर में दाखिल करवाया गया है, जबकि बशीर की हालत गंभीर होने के कारण उसे शिमला रैफर कर दिया गया है। प्राप्त जानकारी के मुताबिक सोमवार रात को क्षेत्र में भारी बारिश हुई और उसी दौरान यह हादसा हुआ।जहां पर हादसा हुआ, वह जगह सड़क से करीब पांच किलोमीटर दूर स्थित है। रेस्क्यू टीम करीब पांच किलोमीटर की खड़ी चढ़ाई पैदल चढ़कर मौके पर पहुंची, जिसके बाद राहत एवं बचाव कार्य शुरू किया गया। हालांकि तब तक अन्य लोगों ने ढारे से घायल लोगों को निकाल दिया था। इसके बाद इन्हें कड़ी मशक्कत के बाद सड़क तक पहुंचाया गया। इस हादसे से मीर हमजा सदमे में है। गौर हो कि गुर्जर समुदाय के लोग गर्मियों में ऊंचाई वाले क्षेत्रों में भैंसों को लेकर जंगलों में ढेरा डालते है, लेकिन उन्हें क्या पता था कि इस बार की बरसात इस तरह से मौत का खेल खेलेगी। पूरा गुर्जर समुदाय इस हादसे से दुखी है। इसी बीच तहसीलदार रामपुर, विपिन ठाकुर ने बताया कि हादसे की सूचना मिलते ही मौके पर बचाव दल को भेज दिया गया था। इस हादसे में मृतकों के परिजनों को दस-दस हजार की फौरी राहत दी गई है, वहीं घायलों को तीन-तीन हजार रुपए दिए गए हैं। उधर, दोफदा पंचायत की राजकीय उच्च विद्यालय की रसोई पर अचानक पेड़ गिर गया। इससे पूरी रसोई क्षतिग्रस्त हो गई और उसमें रखे बर्तन, गैस व खाद्य साम्रगी भी बर्बाद हो गई। इस बात की जानकारी देते हुए स्कूल के मुख्याध्यक टीजीटी आर्ट्स जीत राम ने बताया कि रसोई पर पेड़ रात को गिरा। अगर दिन में यह हादसा होता तो बच्चे भी इस पेड़ की चपेट में आ सकते थे।