वन मंजूरियों में फंसा हिमाचल

शिमला – फोरेस्ट राइट एक्ट व फोरेस्ट कंजरवेशन एक्ट के फेर में फंसा हिमाचल छटपटा रहा है। यहां पर विकास के सभी काम इस वजह से रुक गए हैं। कई साल से सुप्रीम कोर्ट ने इसके तहत मंजूरियां देने पर रोक लगा रखी है, जिसमें केंद्र सरकार से प्रदेश को राहत नहीं मिल पाई है। इस पर राज्य सरकार सुप्रीम कोर्ट के सामने मजबूती के साथ अपना पक्ष रखेगी और हिमाचल को पेश आ रही दिक्कतों के बारे में बताएगा। सरकार ने ऐलान किया है कि वह सुप्रीम कोर्ट में मामले को लेकर कदम उठाएगी। गुरुवार को एफसीए व एफआरए मंजूरियों का मुद्दा विधानसभा में गूंजा। विधायक जीतराम कटवाल की ओर प्राइवेट मेंबर डे पर निजी संकल्प इस संबंध में लाया गया, जिसे सरकार के आश्वासन के बाद वापस ले लिया गया।

चर्चा में ये भी शामिल

भाजपा के राकेश पठानिया ने कहा कि वन विभाग के अधिकारी काम नहीं करना चाहते। भाजपा के ही रविंद्र कुमार धीमान ने एफआरए व एफसीए मंजूरियां प्रदान करने के मामले में सरकार से ठोस फैसला लेने की बात कही। कांग्रेस की आशा कुमारी, भाजपा के रमेश धवाला, कांग्रेस के जगत सिंह नेगी तथा माकपा के राकेश सिंघा ने भी प्रस्ताव पर हुई चर्चा में हिस्सा लिया। चर्चा के जवाब में शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज ने कहा कि चंबा जिला में दो हाईड्रो प्रोजेक्टों को वन एवं पर्यावरण मंत्रालय से हरी झंडी मिली है।

फोरेस्ट गार्ड के 234 पद खाली

प्रदेश वन विभाग में 234 पद फोरेस्ट गार्ड के खाली पड़े हैं। विधायक पवन नैयर के सवाल पर शिक्षा मंत्री ने कहा कि हाल ही में 113 पदों को सीधी भर्ती के माध्यम से भरने की प्रक्रिया शुरू की है, जिसमें से 13 पद वन वृत चंबा में भरे जाने हैं। वर्तमान में वन विभाग में लिपिक सहित कनिष्ठ  सहायक आईटी के 185 पद खाली हैं।

सौर ऊर्जा से रोशन होंगे 312 सरकारी स्कूल

प्रदेश के 312 स्कूल सौर ऊर्जा से रोशन होंगे। विधायक सुंदर सिंह ठाकुर को शिक्षा मंत्री ने बताया कि राज्य के 312 माध्यमिक विद्यालयों जहां पर किन्ही कारणों से आज तक बिजली का प्रावधान नहीं किया जा सका, उन्हीं माध्यमिक विद्यालयों की छतों पर सौर ऊर्जा पैनल स्थापित किए जा रहे हैं। यह जानकारी विधायक रमेश धवाला ने मांगी थी।