भारतीय स्टार शटलर ने तोड़ डाला लगातार फाइनल हारने का गतिरोध
जापानी ओकुहारा के खिलाफ 16 में से जीते नौ मैच
सिंधु वर्ल्ड रैंकिंग में पांचवें और ओकुहारा चौथी स्थान पर हैं। दोनों के बीच अब तक 16 मैच खेले गए। इनमें सिंधु ने नौ बार जीत दर्ज की। ओकुहारा को सिर्फ सात मुकाबलों में सफलता मिली। सिंधु ने दोनों के बीच हुए पिछले मैच में भी जीत हासिल की थी।
विश्व चैंपियनशिप जीतने के लिए बधाई दी। यह पूरे देश के लिए गर्व का क्षण है। कोर्ट पर आपका जादू, कड़ी मेहनत और दृढ़ता लाखों लोगों को रोमांचित करती है। विश्व चैंपियन आपको भविष्य के लिए बधाई।
रामनाथ कोविंद राष्ट्रपति
सिंधु को जापान की नोजोमी ओकुहारा को हराकर इतिहास रचने और वर्ल्ड चैंपियनशिप में स्वण जीतने वाली पहली भारतीय बनने के लिए दिल से बधाई। पूरे देश को आपकी इस शानदार उपलब्धि पर गर्व है।
वेंकैया नायडू उपराष्ट्रपति
सिंधु ने भारत को अपनी प्रतिभा से एक बार फिर गौरवान्वित किया। बीडब्ल्यूएफ वर्ल्ड चैंपियनशिप में गोल्ड जीतने के लिए उन्हें बधाई।सिंधु की सफलता खिलाडि़यों की पीढि़यों को प्रेरित करेगी।
नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री
मां के लिए बर्थडे गिफ्ट, जीत हर भारतीय को समर्पित
बासेल। भारत की स्टार शटलर पीवी सिंधु अपनी मां को जन्मदिन पर इससे बेहतर बर्थडे गिफ्ट नहीं दे सकती थीं। रविवार को वर्ल्ड चैंपियनशिप के महिला एकल फाइनल में जापान की नोजोमी ओकुहारा को हराने के बाद सिंधु ने कहा कि रविवार को उनकी मां का जन्मदिन था और जीत वह उन्हें समर्पित करती हैं। इसके बाद दर्शकों ने हैपी बर्थडे सॉन्ग गाकर सिंधु को बधाई दी। सिंधु ने कहा, यह जीत मेरे लिए बहुत महत्त्वपूर्ण थी। सिंधु ने कहा यह जीत मेरे लिए और मेरे देश के लिए बहुत मायने रखती है। उन्होंने कहा, मुझे अपने भारतीय होने पर गर्व है।
दूसरी बार दो पदक के साथ लौटेंगे भारतीय
बासेल। वर्ल्ड चैंपियनशिप के इतिहास में यह सिर्फ दूसरा मौका होगा, जब भारतीय शटलर दो पदक के साथ स्वेदश लौटेंगे। इससे पहले 2017 में सायना ने कांस्य जीता था। वहीं, सिंधु ने रजत पदक अपने नाम किया था। इस साल सिंधु के अलावा प्रणीत ने भी पदक जीतने में सफल रहे। सिंधु सबसे पहले सुर्खियों में तब आई थीं, जब साल 2013 में उन्होंने ग्वांग्झू चीन में आयोजित वर्ल्ड बैडमिंटन चैंपियनशिप में ब्रांज मेडल जीता था। वह वर्ल्ड बैडमिंटन चैंपियनशिप में मेडल जीतने वाली पहली महिला खिलाड़ी थीं। इसी साल उन्होंने मलेशिया और मकाऊ ओपन भी अपने नाम किया। इसके बाद अगले ही साल उन्होंने एक बार फिर वर्ल्ड बैडमिंटन चैंपियनशिप में ब्रांज जीता।
12 साल से गोपीचंद से कोचिंग
मेडल जीतने के बाद सिंधु ने सबसे आईसक्रीम खाने की इच्छा जाहिर की थी। सिंधु पिछले करीब 12 साल से गोपीचंद से बैडमिंटन का प्रशिक्षण ले रही हैं। सिंधु खुद मानती हैं कि बैडमिंटन में उन्होंने जो कुछ सीखा है, उसका श्रेय केवल गोपीचंद को जाता है और वह उनकी हर बात को आंख मूंद कर मानती हैं। गोपीचंद ने खुद भी सिंधु के लिए कई त्याग किए हैं।
खेल के लिए पसंद दरकिनार
सिंधु हर बड़े टूर्नामेंट के लिए अलग तरह से तैयारी करती हैं और उसके लिए अपनी फिटनेस पर भी पूरा ध्यान देती हैं। सिंधु खाने-पीने की बहुत शौकीन हैं और आइसक्रीम व बिरयानी उनकी पसंदीदा चीजें हैं। ट्रेनिंग के दौरान सिंधु अपनी फिटनेस बनाए रखने के लिए इन चीजों से दूरी बना लेती हैं।