शिष्यों के प्रकार

जेन कहानियां

जेन गुरु गेट्टन कहा करते थे, शिष्य तीन प्रकार के होते है, पहले वे जो दूसरों में जेन की शिक्षाओं का प्रसार करते हैं, दूसरे वे जो आश्रमों और दूसरे साज-सामान की देखभाल करते हैं और एक तीसरा प्रकार चावल के बोरों या कपड़े लटकाने वाले हेंगरों का होता है। गासन भी उनसे सहतम थे। उन्हें एक से एक सख्त गुरु मिले थे। यहां तक कि कई बार उन्हें गुरु के हाथों पिटना तक पड़ता था। ऐसे कई थे, जिन्हें यह सब बर्दाशत नहीं हुआ और आश्रम छोड़ कर भाग गए। गासन यह कहते हुए जमे रहे, अयोग्य शिष्य अपने गुरु की कृपालता का बखान करता रहता है,लेकिन योग्य शिष्य अपने गुरु के अनुशासन में ढल कर मजबूत बनता जाता है।