हर रेलवे स्टेशन पर बाबा भलखू की फोटो

कालका-शिमला रेललाइन में आने वाले स्टेशनों पर दिखेंगी फकीर की यादें

सोलन – विश्व धरोहर कालका-शिमला रेललाइन पर पड़ने वाले सभी स्टेशनों पर अब बाबा भलखू की तस्वीरें नजर आएगी। इसके लिए रेलवे बोर्ड द्वारा प्रयास शुरू कर दिए हैं। रेलवे बोर्ड ने बाबा भलखू की हर बात को पुनः जीवित करने व युवा पीढ़ी को बाबा भलखू के बारे में बताने के लिए यह कदम उठाया है। साथ ही देश-विदेश से आने वाले पर्यटक भी बाबा भलखू के इतिहास के बारे में जान सकें और परिस्थितियों व स्रोतों के न होने पर भी कालका-शिमला तक रेललाइन का सर्वे किया है, इस बारे बताने के लिए यह कदम उठाए जा रहे हैं। गौरतलब हो कि रेललाइन को बिछाने में धुरंधर ब्रिटिश इंजीनियरों के पसीने छूट गए थे, उसे एक मस्तमौला हिमाचली फकीर ने अपनी छड़ी के सहारे पूरा किया था। इस फकीर का नाम बाबा भलखू था। सौ साल से भी अधिक पुराने यूनेस्को के हेरिटेज रेल मार्ग का जिक्र बाबा भलखू के बिना अधूरा है। बता दें कि कालका-शिमला रेल मार्ग के निर्माण के दौरान अंग्रेज इंजीनियर बरोग एक जगह सुरंग निकालते समय नाकाम साबित हुए। सुरंग के दोनों छोर मिले नहीं। नाराज अंग्रेज सरकार ने उन पर एक रुपए जुर्माना किया। असफलता और जुर्माने से खुद को अपमानित महसूस कर बरोग ने आत्महत्या कर ली। बाद में बाबा भलखू ने अपनी छड़ी के सहारे ट्रैक का सर्वे किया। बाबा भलखू अपनी छड़ी के साथ आगे-आगे और अंग्रेज इंजीनियर उनके पीछे-पीछे चले थे। इस तरह सुरंग नंबर-33 पूरी हुई। इस लाइन पर 20 स्टेशन, 103 सुरंगें, 912 मोड़ और 969 छोटे-बड़े पुल हैं। दिनेश चंद शर्मा, डीआरएमए, उत्तर रेलवे अंबाला मंडल ने बताया कि बाबा भलखू के इतिहास के बारे में बताने के लिए विश्व धरोहर कालका-शिमला रेल लाइन के बीच पड़ने वाले स्टेशनों में बाबा भलखू की तस्वीरें लगाई जाएंगी।

शिमला में जल्द बनेगा म्यूजियम गेट

विश्व धरोहर कालका-शिमला रेलवे ट्रैक पर शिमला रेलवे स्टेशन के समीप बना बाबा भलखू रेल म्यूजियम का गेट बनाया जाएगा। यह गेट म्यूजियम का प्रचारक गेट होगा। इसकी ड्राइंग तैयार कर कार्य आरंभ किया गया है।